March 28, 2024

विधानसभा के गेट पर कांग्रेस विधायक की कार रोकने वाले पुलिसकर्मी लाइन हाजिर , कांग्रेस का सदन से वाकआउट

देहरादून (  आखरीआंख समाचार )  सदन की कार्यवाही में भाग लेने जा रहे कांग्रेस के रानीखेत क्षेत्र के विधायक व कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा की कार को पुलिसकर्मियों द्वारा विधानसभा के गेट पर रोके जाने व उनके साथ अभद्रता किए जाने के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है। इस मामले में सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर सदन से वाकआउट किया। उनका कहना था कि विधायक को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोका गया है जो कि गंभीर मामला है।
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन पूर्वाह्न 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो सदन में वि विपक्ष की ओर से केवल नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा ह्रदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल और ममता राकेश ही उपस्थित थे। जैसे ही नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा ह्रदयेश को कांग्रेस विधायक को विधानसभा के गेट पर पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने की सूचना मिली नेता प्रतिपक्ष व सदन में मौजूूद दो अन्य कांग्रेस विधायकों ने इस पर गहरा आक्रोश जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया, इसके बाद वे विधानसभा के गेट पर विधायक के साथ धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि पुलिस द्वारा विधायक को सदन में भाग लेने के लिए नहीं आने दिया गया, जो कि गंभीर विषय है और विधायक का विशेषाधिकार हनन है। इस दौरान सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों व निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने भी विधायक को गेट पर रोके जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि विधायक के साथ पुलिस का इस प्रकार का व्यवहार ठीक नहीं है। विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बताया कि जिस वाहन से विधायक करन माहरा विधानसभा के अंदर आ रहे थे वह अनुमन्य नहीं था, इसके अलावा उनके साथ इस वाहन में जो दो अन्य लोग आ रहे थे उनके पास भी विधानसभा का पास नहीं था, लेकिन जब उनको विधायक को गेट पर रोके जाने की सूचना मिली तो उन्होंने इस वाहन को गेट के अंदर आने की अनुमति दे दी, लेकिन पुलिस के इस व्यवहार से नाराज विधायक करन माहरा सदन में नहीं आए और विधानसभा के गेट पर धरने पर बैठ गए। विधायक करन माहरा के समर्थन में कांग्रेस के अन्य विधायक भी विधानसभा के गेट पर उनके साथ धरने पर बैठे रहे। कांग्रेस विधायकों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया।
वे आरोपी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस विधायकों के सदन से वाकआउट करने बाद सदन बगैर विपक्ष के चला। प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य ही सवालों के संतोषजनक जवाब न देने पर मंत्रियों को घेरते नजर आए। बाद में संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सदन को बताया कि विधायक को गेट पर रोके जाने के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस से इस मामले में पूरी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) (संशोधन) विधेयक 2018 और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पेश किए गए। इसके अलावा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग के वार्षिक प्रत्यावेदन सदन के पटल पर रखा गया।