March 29, 2024

22 पैसे से बढक़र 11 रुपये का हो गया यह शेयर, सालभर में निवेशकों के 1 लाख को बना दिया ?53.90 लाख

  अमेरिका में में बेरोजगारी दर अनुमान से कम रहने और चीन के ब्याज दर में पंद्रह आधार अंक की कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने की उम्मीद में हुई लिवाली से बीते सप्ताह लगभग 3 प्रतिशत की तेजी में रहे शेयर बाजार में अगले सप्ताह भी उतार-चढ़ाव रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1532.77 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 54 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 54326.39 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 484 अंक की बढ़त लेकर 16 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर 16266.15 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों में भी लिवाली हुई। इससे मिडकैप 691.19 अंक चढक़र 22506.85 अंक और स्मॉलकैप 1035.54 अंक उछलकर 26351.29 अंक पर पहुंच गया।
निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और मंदी निवेशकों के लिए चिंताजनक है। इसलिए, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि घरेलू निवेशकों के समर्थन के कारण भारतीय शेयर बाजार बेहतर स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा कि मई वायदा सौदा निपटान को लेकर अगले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। वैश्विक फ्रंट पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के मिनट्स 25 मई को जारी होंगे, जिसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। साथ ही डॉलर इंडेक्स और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे।
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)तेल कंपनियों ने घटाए पेट्रोल-डीजल के दाम, राजस्थान में डबल कटौती
नई दिल्ली । तेल कंपनियों ने आज पेट्रोल और डीजल के नए दाम जारी कर दिए हैं। सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने की घोषणा की थी। इसके बाद पेट्रोल के दामों में अधिकतम 9 रुपये और डीजल के दामों में 7 रुपये की कमी आई है।
आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 111.35 रुपये व डीजल की कीमत 97.28 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 106.03 रुपये जबकि डीजल का दाम 92.76 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 94.24रुपये प्रति लीटर है।
सरकार के राजनीतिक विरोधियों का आरोप था कि पांच राज्यों के चुनाव के कारण मोदी सरकार ने तेल कंपनियों को मूल्य बढ़ाने से रोक रखा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 112 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने के बाद तेल कंपनियों ने डीजल के थोक खरीदारों के लिए मूल्य में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। तेल डीलरों का कहना था कि खुदरा मूल्य में धीरे-धीरे वृद्धि की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अपने प्रदेश में पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.48 रुपए और डीजल पर प्रति लीटर 1.16 रुपए वैट में कटौती का ऐलान किया है. केंद्र और राज्य की तरफ से की गई डबल कटौती के बाद राजस्थान में प्रति लीटर पेट्रोल 10.48 रुपए और डीजल 7.16 रुपए सस्ता हो गया है। वैट में कटौती का ऐलान खुद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर किया है।
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)22 पैसे से बढक़र 11 रुपये का हो गया यह शेयर, सालभर में निवेशकों के 1 लाख को बना दिया ?53.90 लाख
नई दिल्ली । आज हम आपको एक शानदार शेयर के बारे में बता रहे हैं। इस शेयर ने सालभर में अपने निवेशकों को 5,290 पर्सेंट से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इस शेयर का नाम है- राज रेयन इंडस्ट्रीज । कंपनी के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर लगभग 5 पर्सेंट की तेजी के साथ 11.86 रुपये पर पहुंच कर बंद हुए।
राज रेयन इंडस्ट्रीज शेयर प्राइस हिस्ट्री
राज रेयन इंडस्ट्रीज के शेयर एक साल पहले 24 मई 2021 को बीएसई पर 22 पैसे प्रति शेयर के स्तर पर थे जो कि अब सालभर में 11.64 रुपये बढक़र 11.86 रुपये का शेयर हो गया। इस दौरान इसने अपने निवेशकों को 5,290.91त्न का रिटर्न दिया है। वहीं, इस साल यह शेयर 778.52प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस दौरान यह 1.35 रुपये से बढक़र 11.86 रुपये का हो गया। पिछले एक महीने में राज रेयन इंडस्ट्रीज का शेयर 4.77 रुपये से बढक़र 11.86 रुपये पर पहुंच गया। महीनेभर में इसने 149.16प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले पांच ट्रेडिंग सेशंस में इस शेयर ने 21.27प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
निवेशकों को हुआ बंपर मुनाफा
राज रेयन इंडस्ट्रीज के शेयर प्राइस चार्ट पैटर्न के मुताबिक, अगर किसी निवेशक ने इस शेयर में सालभर पहले एक लाख रुपये लगाए होते तो आज यह रकम बढक़र 53.90 लाख रुपये हो जाती। वहीं, अगर किसी निवेशक ने इस साल 2022 में इस काउंटर में एक लाख रुपये लगाए होते तो अब उसे 8.78 लाख रुपये मिलते। इसी तरह महीनेभर पहले एक लाख लगाने से 2.48 लाख रुपये का फायदा होता।

पेट्रोल डीजल के बाद आज से इन चीजों के भी घट गए दाम : मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के अलावा मोदी सरकार ने एक और बड़ी राहत दी है। सरकार ने स्टील इंडस्ट्री द्वारा उपयोग किए लाए जाने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल सहित कुछ कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क माफ कर दिया है। यह एक ऐसा कदम है जिससे घरेलू उद्योग की लागत कम होगी और कीमतें कम होंगी। एक अधिसूचना के अनुसार, घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लौह अयस्क के निर्यात पर शुल्क 50 प्रतिशत तक और कुछ स्टील इंटरमीडियरीज को 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। ड्यूटी में बदलाव आज यानी रविवार से प्रभावी हो गई है।
फेरोनिकल, कोकिंग कोल, पीसीआई कोयले पर आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटा दिया गया है, जबकि कोक और सेमी-कोक पर शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। नाप्था पर आयात शुल्क 2.5 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी कर दिया गया है, वहीं प्रोपलीन ऑक्साइड पर शुल्क आधा कर 2.5 फीसदी कर दिया गया है। विनाइल क्लोराइड (पीवीसी) के पॉलिमर पर आयात शुल्क वर्तमान में 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
प्लास्टिक पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कच्चे माल और बिचौलियों पर लेवी में कटौती की जा रही है जहां आयात निर्भरता अधिक है। इससे उत्पादों की लागत में कमी आएगी। एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क में भारी कमी से मुद्रास्फीति को रोकने में मदद मिलेगी।
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)साधारण मांग होने से सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन में हुआ सुधार
नई दिल्ली। स्थानीय मांग के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन तेल-तिलहन की कीमतों में सुधार आया। जबकि मूंगफली तेल तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज बंद था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज शुक्रवार रात में पौने दो प्रतिशत की बढ़त पर रहा था।
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक घटकर लगभग सवा चार लाख बोरी रह गई है और इधर निरंतर सरसों की आवक घटने लगी है। किसान अपनी जरुरत के हिसाब से ही सरसों का स्टॉक मंडियों में लायेंगे। इसलिए सरकारी खरीद एजेंसियों को सरसों का भंडारण कर लेना चाहिये। आयातित तेलों के महंगा होने के कारण उनकी कमी को सरसों तेल और उसके रिफाइंड और अन्य देशी तेलों से फिलहाल पूरा किया जा रहा है लेकिन इसकी भी एक सीमा है। सूत्रों ने कहा कि हाल के दिनों में सरसों व अन्य फसलों के लिए किसानों को अच्छा दाम मिलने से किसान लाभान्वित हुए हैं और इसका प्रभाव तिलहन उत्पादन में वृद्धि से लगाया जा सकता है। सरकार को खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए शुल्क घटाने या बढ़ाने के बजाय तेलों के थोक बिक्री दर और खुदरा बिक्री दर की निगरानी बढ़ानी होगी। आम उपभोक्ताओं की शिकायत है कि बाजार में सरसों तेल लगभग 190 – 200 रुपये लीटर मिल रहा है लेकिन अगर थोक बिक्री दाम को देखा जाये तो उस हिसाब से खुदरे में सरसों तेल सारे खर्च और लाभ जोडऩे के बाद 165-168 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिये। सभी खाद्य तेलों के मनमाने खुदरा मूल्य पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि साधारण मांग होने के कारण सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया का निर्यात खुलने से स्थितियों में विशेष फर्क की उम्मीद नहीं करनी चाहिये। सरकार को पूरा ध्यान देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर देना होगा तभी देश तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा।
००० ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 35,000 करोड़ रुपये निकाले
नई दिल्ली । भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी का सिलसिला जारी है। एफपीआई ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर की मजबूती की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। इस तरह एफपीआई 2022 में अबतक भारतीय बाजारों से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम, मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक रुख और अन्य कारकों से आगे भी एफपीआई का रुख उतार-चढ़ाव वाला बना रहेगा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, चूंकि प्रमुख बाजार अमेरिका में कमजोरी है और डॉलर मजबूत हो रहा है, ऐसे में एफपीआई की बिकवाली अभी जारी रहेगी। विदेशी निवेशक अप्रैल, 2022 तक लगातार सात महीने भारतीय बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। लगातार छह माह तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआई ने शेयरों में हालांकि 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन उसके बाद 11 से 13 अप्रैल तक कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में वे एक बार फिर बिकवाल बन गए। आगे के सप्ताहों

भी यही रुख जारी है।    
डिपॉजिटरी के आंकडों के अनुसार, एफपीआई ने दो से 20 मई के दौरान भारतीय शेयरों से 35,137 करोड़ रुपये की निकासी की है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी निवेशक आगे चलकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा और अधिक आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका को लेकर चिंतित हैं। इस साल फेडरल रिजर्व ने दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बांड बाजार से शुद्ध रूप से 6,133 करोड़ रुपये निकाले हैं। भारत के अलावा अन्य उभरते बाजारों मसलन ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से भी एफपीआई ने निकासी की है।
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)पीएनबी ने बीते वित्त वर्ष में एटीएम लेनदेन शुल्क से 645 करोड़ रुपये कमाए
नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बीते वित्त वर्ष 2021-22 में ग्राहकों से एटीएम लेनदेन शुल्क से 645 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत किए गए एक आवेदन पर यह जानकारी दी है।बैंक ने कहा कि उसने बीते वित्त वर्ष में ग्राहकों से एटीएम लेनदेन शुल्क के रूप में 645.67 करोड़ रुपये कमाए हैं। इसके अलावा देश के सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने खातों में तिमाही/मासिक आधार पर न्यूनतम राशि (बैलेंस) नहीं रखने वाले ग्राहकों से कुल 239.09 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला है। मध्यप्रदेश के आरटीआई आवेदक मनोज गौड़ के आवेदन पर बैंक ने यह जानकारी दी है।
वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ने खातों में न्यूनतम शेष नहीं रखने वाले ग्राहकों से 170 करोड़ रुपये की कमाई जुर्माने के रूप में की थी। यह राशि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 85,18,953 खातों से जुटाई गई। साथ ही शून्य शेष वाले खातों की संख्या के बारे में सवाल पर पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि 31 मार्च, 2022 तक कुल 6,76,37,918 ऐसे खाते थे। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक पिछले चार वित्त वर्षों के रुझान के अनुसार, यह पता चला कि इन वर्षों में पीएनबी में शून्य शेष खातों में लगातार वृद्धि हुई है।
31 मार्च, 2019 तक, पीएनबी में 2,82,03,379 जीरो बैलेंस खाते थे, जो मार्च, 2020 के अंत तक बढक़र 3,05,83,184 और 31 मार्च, 2021 तक बढक़र 5,94,96,731 हो गए।