April 18, 2024

जलजीवन मिशन : मिशन पूर्ण होने पर कार्यशाला शुरू

बागेश्वर गरुड़ : जनपद के विकास खंड गरुड़ में इन दिनों जलजीवन मिशन के अंतर्गत जे पी एस फाउन्डेशन लखनऊ द्वारा जनप्रतिनिधियों को 3 दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से भारत सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन मिशन के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं।
जिसके प्रथम चरण में होटल लेकसाइड में फाउंडेशन के सीनियर रिसोर्स पर्सन प्रदीप कुमार बिहार द्वारा लगातार 3 दिन क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के प्रधानों व पेयजल समिति के सदस्यों को मिशन की बारीकियों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया गया। व उनके ग्राम में चल रही फेज 2 के कार्यो के ऊपर नजर बनाने का आह्वान किया गया जिससे कि इनके ग्राम में निकट भविष्य में पेयजल की कोई कमी न होने पाए।
उन्होंने समझाया कि उनके गाँव मे ज भी ठेकेदार आज फेज 2 का कार्य कर रहा है जिसमे पेयजल श्रोत से गाँव तक पानी की आपूर्ति हेतु पाईप लाईन बिछानी होती हैं । उसपर समस्त ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों की खास तौर पर नजर रहनी चाहिए। और ग्रामीणों को अपनी पेयजल लाइन अपने अनुसार बनानी चाहिए और यदि उनके कहने के अनुसार ठेकेदार कार्य नही करता हैं तो उसकी शिकायत उन्हें राज्य व केंद्र की एजेंसियों तक करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि यदि ग्रामीण इस समय ध्यान नही देगें तो उन्हें भविष्य में पेयजल की काफी किल्लत का सामना करना पड़ सकता हैं।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन जनप्रतिनिधियों व फाउंडेशन के सदस्यों के बीच किराया भत्ता को लेकर काफी कहासुनी बहु हुई।
ग्राम ज्वाना स्टेट के ग्राम प्रधान सुशीला विष्ट ने आखरीआंख समाचार को बताया कि वे अपने साथ रोज 6 सदस्यों को लेकर यहाँ आती हैं जिनका एकदिन का किराया करीब 15 सौ रुपये हैं लेकिन 3 दिन के बाद ये हमे मात्र 18 सौ रुपये पकड़ा रहे है।
मोहन नाथ ग्राम प्रधान हरबगड व प्रधान पोखरी भरत राम ने भी फाउंडेशन के सदस्यों के साथ किराये को लेकर काफी नोकझोंक की । सभी जनप्रतिनिधियों के कहना था कि उनके द्वारा उन्हें काफी कम किराया दिया जा रहा हैं।
साथ ही उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों के एक मत से यह भी मानना था कि यह प्रशिक्षण का कार्यक्रम जो कि यदि 2 वर्ष पूर्व किया जाता तो आज इसका बहुत फायदा सभी गाँव उठा सकते थे । अफसोस इस बात का हैं कि आज जब गाँव मे फेज 1 और 2 के कार्य सम्पन्न हो चुके है तो तब सरकार को प्रशिक्षण की याद आ रही हैं।

प्रशिक्षण दौरान अर्जुन राणा ने अपने गाँव रिठाड़ का जिक्र करते हुए कहा कि फेज 2 में ठेकेदार द्वारा उनके गाँव मे मनमर्जी तरीके से कार्य किया गया हैं ।जिसकी शिकायत सम्बन्धित कार्यदायी संस्था पेयजल निगम बागेश्वर व जिलाधिकारी बागेश्वर को भी की गई थी लेकिन ठेकेदार द्वारा उसमे आजतक भी ग्रामीणों द्वारा बताया गया कार्य नही किया गया हैं । और कार्य को आनन फानन में बिना गाँव वालों की सहमति के गैर जिम्मेदाराना ढंग से निबटा दिया गया हैं। और ठेकेदार के कार्य के प्रति गाँव वालों में काफी असन्तोष पनप रहा हैं ।जिसपर फाउंडेशन ने इसे ठेकेदारों के भुगतान रोकने की अनुशंसा करने को कहा हैं ।
प्रशिक्षण में फाउंडेशन के अमित वशिष्ठ, मोहम्मद जमील व अमित पटेल ने भी उपस्थित जनप्रतिनिधियों को जलजीवन मिशन का पाठ पढ़ाया ।