November 22, 2024

कनाडा जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीयों के लिए नई गाइडलाइंस जारी, जॉब पर पाबंदी!


ओटावा । कनाडा जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी की गई है। भारत में मौजूद हाई कमीशन ऑफ कनाडा ने स्टूडेंट्स को चेतावनी दी है कि वे तब तक देश में काम करना शुरू नहीं कर सकते हैं, जब तक उनके द्वारा चुने गए कोर्स की पढ़ाई आधिकारिक रूप से शुरू नहीं हो जाती है।
कनाडा हाई कमीशन ने आज एक ट्वीट कर कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि कुछ स्टडी परमिट आपको कनाडा में काम करने की इजाजत देते हैं। आप तब काम करना शुरू कर सकते हैं, जब आपके स्टडी प्रोग्राम की शुरुआत होगी। उससे पहले काम की इजाजत नहीं है। कमीशन ने अपने यहां आने वाले स्टूडेंट्स को इस बात को सुनिश्चित करने को कहा है कि वे डॉक्यूमेंट्स के जरिए ये साबित कर सकते हैं कि उनकी यूनिवर्सिटी या कॉलेज ने उन्हें देर से आने की इजाजत दी है। इसके अलावा, स्टूडेंट्स को उनके कोर्स की डेट में बदलाव की जानकारी दी गई है।
कमीशन के ट्वीट में आगे कहा गया कि अगर आप इस सर्दियों में कनाडा जा रहे हैं, तो एक बॉर्डर सर्विस ऑफिसर आपके डॉक्यूमेंट्स को रिव्यू करेगा। आपके डीएलआई ने आपको लेट आने की इजाजत दी है या आपको एक डेफरल मिला है। इसे साबित करने वाले डॉक्यूमेंट्स को दिखाने के लिए तैयार रहिए।
कनाडा इमिग्रेशन गाइडलाइंस के मुताबिक, स्टूडेंट्स को ऑफ-कैंपस काम करने की इजाजत सिर्फ तभी होगी, जब उन्होंने किसी निर्धारित शिक्षण संस्थान में फुल-टाइम स्टूडेंट के तौर पर एनरॉल कराया है। इसके अलावा पोस्ट-सेकेंडरी अकेडमिक, वोकेशनल या प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को भी काम करने की इजाजत होगी। वहीं, स्टडी वीजा में बताए गए नियमों के तहत, सेकेंडरी-लेवल वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम (सिर्फ क्यूबेक) में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को ऑफ-कैंपस काम करने की इजाजत होगी।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि स्टूडेंट्स द्वारा चुना गया कोर्स कम से कम छह महीने वाला होना चाहिए। ये कोर्स डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट में से कुछ भी हो सकता है। कोर्स की जरूरत के अलावा, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के पास कनाडा में काम करने के लिए सोशल इंश्योरेंस नंबर भी होना चाहिए।
बता दें कि हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा जाते हैं। कनाडा को लेकर भारतीयों के बीच इतना क्रेज बढ़ गया है कि वह विदेश में जाकर पढ़ाई करने वाला दूसरा सबसे ज्यादा पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया है।

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