May 21, 2024

लंबे समय से शिक्षकों की अनदेखी कर रही  सरकार


बागेश्वर ।  एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन ने प्रवक्ता प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति नहीं करने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार लंबे समय से शिक्षकों की मांगों की अनदेखी कर रही है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के फैसले को आज तक वापस नहीं लिया गया है। माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों की अर्हता के लिए जैसे मानक बनाए गए हैं, उन मानकों में विभाग के 10 फीसदी शिक्षक ही आते हैं। विभाग के मात्र 10 फीसदी शिक्षकों से 50 फ़ीसदी पदों को भरना सरासर अनुचित है। यह फैसला लंबे समय से वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की आस लगाए शिक्षकों के साथ अन्याय है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 90 फीसदी विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन हैं। प्रदेश में प्रधानाचार्य के 1000 से भी अधिक पद रिक्त हैं। जिन्हें लोक सेवा आयोग से भरे जाने की बात की जा रही है, जबकि लोकसभा आयोग को विज्ञापन से लेकर परिणाम जारी करने तक और नियुक्ति देने तक चार-पांच वर्ष का समय लग जाता है। यदि सीधी भर्ती परीक्षा के निर्णय को सरकार वापस नहीं लेती है, तो शिक्षक न्यायालय की शरण में जाएंगे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शैक्षिक व्यवस्था में सुधार के लिए शीघ्र ही प्रधानाचार्य पदों को भरे जाने की आवश्यकता है। 17 नवंबर से राजकीय शिक्षक संघ ने प्रभारी प्रधानाचार्य पदों से त्यागपत्र देने का आह्वान किया। लेकिन संघ यह फैसला शिक्षक एसोसिएशन के सदस्यों पर लागू नहीं होता है। क्योंकि शिक्षक एसोसिएशन के बहुत से सदस्य राजकीय शिक्षक संघ के सदस्य नहीं है।