मंडलायुक्त ने की पेयजल आपूर्ति की जनपदवार समीक्षा
नैनीताल, ( आखरीआंख ) कुमाऊॅ मण्डल में पेयजल की दिक्कत को देखते हुए आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल राजीव रौतेला ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिये जल संस्थान द्वारा मण्डल भर के कस्बों ग्रामीण ईलाकों में की जा रही पेयजल आपूर्ति की जनपदवार गहन समीक्षा की। समीक्षा बैठक में सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी तथा जल संस्थान के आला अधिकारी मौजूद थे।
समीक्षा के दौरान आयुक्त श्री रौतेला ने कहा कि जल संस्थान द्वारा गर्मी के सीजन में जो जल आपूर्ति की जा रही है, वह काफी लचर एवं अनियोजित है जिससे जन साधारण को समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद के मुख्य विकास अधिकारी ग्रीष्मकाल एवं पर्यटक सीजन के दौरान पेयजल आपूर्ति को लेकर बतौर नोडल अधिकारी कार्य करेंगे। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जल संस्थान के अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जल संस्थान महकमे द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें, इसके साथ ही जन साधारण द्वारा विभिन्न माध्यमों से पेजयल आपूर्ति के सम्बन्ध में की जा रही शिकायतों तथा उनके समाधान का भी अपने स्तर पर गहनता से समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि संज्ञान में आया है कि जल संस्थान द्वारा जन शिकायतों के पंजीकरण के लिए जो कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं वह काफी लचर हैं तथा वहाॅ शिकायत दर्ज करने वाले कर्मचारी गैर जिम्मेदाराना जवाब नागरिकों को देते हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में सशक्त एवं जन-उपयोगी कंट्रोल रूम सक्रिय किए जाए। जल संस्थान के महाप्रबंधक, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारियों के व्हाट्सएप युक्त मोबाईल नम्बर भी जारी किए जाए ताकि जनता पेयजल से सम्बन्धित समस्या व्हाट्सएप पर भी दे सके। उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली एवं लापरवाही न बरती जाए।
आयुक्त ने कहा कि वह हल्द्वानी की पेयजल आपूर्ति को लेकर कतई संतुष्ट नहीं है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार से कहा कि हल्द्वानी में पेयजल के लिए जितने भी नलकूप काम कर रहे है, उनकी इन्वंेट्री बनाई जाए साथ ही प्रत्येक नलकूप की लाॅग बुक भी बनाई जाए तथा प्रत्येक दिन अपडेट भी की जाए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं हल्द्वानी की पेयजल आपूर्ति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी देखने में आ रहा है कि पेयजल का दुरूपयोग भी जमकर किया जा रहा है, ग्रीष्मकाल तक भवनों के निर्माण तथा गैराजों में वाहन वाशिंग के साथ ही अनावश्यक जानवरों को नहलाने एवं बाग बगीचों को सींचने में पेयजल के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रति दिन समाचार पत्रों में पेयजल के सम्बन्ध में जो भी प्रकाशित हो रहा है उसका भी संज्ञान लें और अपना कार्य दुरूस्त करें। श्री रौतेला ने कहा कि जल संस्थान के अधिकारी कार्यालय में बैठने का मोह त्याग कर कार्य क्षेत्र में जाए तथा पेयजल आपूर्ति तथा वितरण व्यवस्था का निरीक्षण करें, नागरिकों से मिले तथा उनकी समस्याओं का निराकरण करे।
आयुक्त ने कहा कि पेयजल की कोई कमी नहीं है लेकिन हमारी व्यवस्था सुनियोजित न होने के कारण दिक्कत है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अमूमन पेयजल की आपूर्ति नदियों, गधेरों तथा लिफ्ट योजनाओं से की जाती है। आने वाले समय में इन स्त्रोतों में पानी की कमी को नकारा नही जा सकता, लिहाजा जल निगम के अधिकारियों को चाहिए कि पर्वतीय क्षेत्रों में नलकूल स्थापित किये जाने की संभावनाओं को तलाशे और इस पर कार्य करें। आने वाले समय में पर्वतीय क्षेत्रों में नलकूपों की जरूरत अवश्य पड़ेगी। आयुक्त ने कहा कि पेयजल आपूर्ति में विद्युत महकमें की बहुत बड़ी भूमिका है। विद्युत महकमें के अधिकारियों को चाहिए कि वह जल संस्थान के अधिकारियों से समन्वय कर पेयजल आपूर्ति एवं वाटर लिफ्टिंग के समय निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखे। पेयजल आपूर्ति के समय अनावश्यक कटौती न की जाए। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य विकास अधिकारी अपने क्षेत्र के बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों में जाकर भी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का जायजा ले, यदि कहीं समस्या हो तो उसका तत्काल निराकरण भी करें। बैठक में अपर आयुक्त संजय खेतवाल, मुख्य अभियंता जल संस्थान राजेश्वर प्रसाद, महाप्रबंधक जल संस्थान डीके मिश्रा, अधीक्षण अभियंता एएस अंसारी, डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता संतोष कुमार उपाध्याय तथा मण्डलभर के अन्य अधिकारी मौजूद थे।