पिरुल से विद्युत उत्पादन के प्रस्ताव जमा करने की अन्तिम तिथि 16 अगस्त
देहरादून,( आखरीआंख ) जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में पिरुल नीति के सफल संचालन हेतु गठित जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक विगत दिनों जिला सभागार में आयोजित की गई। बैठक में उरेडा द्वारा राज्य में प्रख्यापित “पिरुल (चीड़ की पत्तियां) अन्य बायोमास से विद्युत उत्पादन हेतु राज्य सरकार द्वारा नीति 2018“ के अनुसार राज्य के अन्य जनपदों के साथ-साथ जनपद देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध पिरुल (चीड़ की पत्तियां) एवं अन्य बायोमास से विद्युत उत्पादन हेतु तथा ब्रिकेट्स तैयार करने हेतु इच्छुक निजी विकासकर्ताओं, संस्थाओं, पंजीकृत समूहों एवं फर्मों आदि से द्वितीय चरण में “प्रस्ताव आमंत्रण सूचना“ 27 जून 2019 को प्रकाशित किये जाने तथा प्रस्ताव जमा करने की अन्तिम तिथि 16 अगस्त 2019 निर्धारित किये जाने की जानकारी दी गई। बताया गया कि इच्छुक आवेदनकर्ताओं के आवेदन उचित पाये जाने के पश्चात स्थापित होने वाली परियोजनाओं द्वारा परियोजना की स्थापना के पश्चात प्रतिदिन पिरुल की आवश्यकता के दृष्टिगत जिन क्षेत्रों में परियोजना स्थापित की जा रही है, उन क्षेत्रों से सम्बन्धित वन पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों के माध्यम से पिरुल एकत्र करने वाले व्यक्तियों को रु0 1-(एक रुपया) प्रति किलोग्राम की दर से धनराशि का भुगतान वन विभाग द्वारा किया जायेगा। जबकि रु0 1.50 (एक रु0 पचास पैसे) प्रति किलोग्राम का भुगतान सम्बन्धित परियोजना स्वामी द्वारा किया जायेगा। बैठक में बताया गया कि इच्छुक आवेदन कर्ता विस्तृत जानकारी एवं यथाआवश्यक सहयोग हेतु उरेडा देहरादून के जनपदीय कार्यालय तथा जनपद देहरादून के समस्त प्रभागीय वनाधिकारियों से सम्पर्क कर योजना का लाभ उठा सकते हंै।