November 22, 2024

बदरीनाथ में माता मूर्ति मेला धूमधाम से संपन्न 

चमोली। श्री बदरीनाथ धाम में वामन द्वादशी के अवसर पर आयोजित माता मूर्ति मेला धूमधाम एवं उल्लास पूर्वक मनाया गया। जिसमें देश दुनिया के लोग जुटे। सोमवार को नारद जयंती से उत्सव का शुभारंभ किया गया। सोमवार की शाम को माणा गांव से बदरीनाथ मंदिर पहुंचकर श्री घंटाकर्ण महाराज द्वारा भगवान श्री बदरीनाथ भगवान को मातामूर्ति आने का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर श्री घंटाकर्ण महाराज के निशान को साड़ी तथा पश्वा एवं पुजारियों को मंदिर समिति द्वारा पगड़ी भेंट की गयी।बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा़ हरीश गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को प्रात: से ही मंदिर समिति द्वारा माता मूर्ति मेले की तैयारियां शुरू की गयी। श्री बदरीविशाल जी की गद्दी की साज सजा की गयी। मंदिर में प्रातकालीन भोग के पश्चात 10 बजे प्रात: श्री बदरीविशाल की गद्दी एवं उद्धव जी की डोली ने गाजे-बाजे के साथ मंदिर सिंह द्वार से माता मूर्ति की ओर प्रस्थान किया। धरणीधर आश्रम, नागनागड़ी, आईटीबीपी तिराहा पर डोली का स्वागत हुआ। आईटीबीपी केंप से आगे पर्यटन ग्राम माणा की महिलाओं-पुरूषों द्वारा माता मूर्ति त्यौहार के लिए उगाये गयी पवित्र जौ की हरियाली के गुछों को भेंट कर देव डोलियों का स्वागत किया। माता मूर्ति पहुंच कर जौ की हरियाली माता मूर्ति मंदिर में भेंट की गयी जिसे प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं को दिया गया।श्री उद्वव जी की एवं भगवान बदरीविशाल की डोली मातामूर्ति परिसर में पहुंची जहां रावल, धर्माधिकारी, पुजारियों व स्थानीय हक हकूकधारियों ने पूजा अर्चना संपन्न करवायी।भगवान के द्वारा भेजे गये प्रतिनिधि श्री उद्धव जी माता मूर्ति जी से मिले। भगवान की कुशल क्षेम बतायी और अगले बामन द्वादशी पुन:पहुंचने का भी वचन दिया। साक्षात भगवान का उद्धव के रूप में माता जी से मिलने का दृश्य देखकर श्रद्धालु भावुक हो गये। इस तरह माता मूर्ति मेला संपन्न हो गया। मेले में पांच हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।दिन के भोग प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात शाम तीन बजे श्री उद्धव जी की डोली एवं श्री बदरीविशाल की गद्दी वापस श्री बदरीनाथ मंदिर आ गयी, तत्पश्चात शाम तीन बजे श्री बदरीनाथ मंदिर दर्शनार्थ खुल गया। प्रात: 10 बजे से शाम तीन बजे तक मातामूर्ति मेले के दौरान श्री बदरीनाथ मंदिर बंद रहा। देव डोलियों के शाम तीन बजे लौटने के बाद मंदिर विधिवत दर्शनों हेतु खुल गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल तथा उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने माता मूर्ति उत्सव को मान्यता, परपरा और धर्म और आस्था का प्रतीक बताया ।माता मूर्ति मेले में चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई, रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मंदिर समिति सदस्य श्रीमती चंद्रकला ध्यानी, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष राकेश कुमार डिमरी, उपाध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मंदिर समिति के मुयकार्याधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मंदिर अभियंता विपिन तिवारी, उप धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, उप धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट श्री बदरीनाथ मंदिर में बडुवा पुजारी पंकज डिमरी,योतिश डिमरी,पुजारी मातामूर्ति सुशील डिमरी, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, प्रबंधक राजेंद्र सेमवाल, कमेटी सहायक संजय भट्ट, मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, स.प्रबंधक अजय सती, दफेदार कृपाल सनवाल, विश्वनाथ, अनसुया नौटियाल, विपुल मेहता,सत्येंद्र झिंक्वाण, विनोद फर्स्वाण एवं बामणी एवं पर्यटन ग्राम माणा के हक हकूकधारी, श्री बदरीश पंडा पंचायत प्रतिनिधि, ब्यापार सभा, साधु -संत सहित सेना, आईटीबीपी पुलिस प्रशासन के अधिकारी एवं बड़ी संया में देश-विदेश के तीर्थयात्री भी मौजूद रहे। मेले में गढ़वाल स्काउट, आईटीबीपी ने भंडारे लगाये मंदिर समिति ने प्रसाद वितरित किया। माता मूर्ति मेला परिसर में बड़ी संया में ब्यापारियों ने दुकाने भी लगायी थी। श्री बदरीश भजन मंडली द्वारा मातामूर्ति मेले में भजन संध्या का आयोजन किया। मेले के दौरान चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक मेले हमारी संस्कृति एवं विरासत है।