November 22, 2024

वन एवं पर्यावरण मंत्री डा०हरक सिंह रावत ने किया 2022 का चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान

देहरादून। त्रिवेंद्र कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने ऐलान किया है कि वह वर्ष 2022 में होने वाला अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं। वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर नौ अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होकर हरक सिंह रावत ने सरकार पर संकट ला दिया था। इसके बाद वह वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पौडी गढवाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत हासिल की। हरक की छवि तेजतर्रार मंत्री की रही है। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने अचानक अगला विधानसभा चुनाव न लडऩे की बात कही। रावत ने कहा कि इसकी जानकारी उन्होंने भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार समेत वरिष्ठ नेताओं को दे दी है। वैसे उन्होंने राजनीति छोडऩे या राजनीति से संन्यास लेने की बात से इनकार किया है। यह पहली बार नहीं है, जब वन और पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने 2022 का चुनाव न लडऩे की इछा जताई हो, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में उनका इस बयान के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। असल में, सरकार ने हाल में उन्हें भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को यह जिमेदारी सौंप दी थी। हरक सिंह रावत के पास श्रम और सेवायोजन मंत्रालय भी है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर अब तक हरक सिंह रावत ही काबिज थे। गढवाल दौरे के बाद वह गुरुवार को ही देहरादून पहुंचे। उन्होंने कहा था कि इस मामले में वह मुयमंत्री से बात करेंगे लेकिन अभी उनकी मुयमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई है। मुयमंत्री गुरुवार शाम को दिल्ली से लौटे और शुक्रवार सुबह कुमाऊं मंडल के एक दिनी दौरे पर रवाना हो गए। हरक सिंह रावत के चुनाव न लडने के एलान को इस घटनाक्रम से जोडकर भी देखा जा रहा है।

 

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