गरुड़ की सहकारिता यूनिट हुई एग्री बिजनेस ग्रोथ योजना हेतू प्रस्तावित
बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र विशेष में सम्भाव्य विशिष्ट चिन्हित आर्थिक गतिविधि स्थानीय उत्पाद एवं सेवाओं को राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करने व स्थानीय स्तर पर रोजगार के व्यापक अवसर सृजन करने के उद्देश्य से एग्री विजनेस ग्रोथ सैंटर योजना को प्रारम्भ किए जाने के लिए जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने आज जनपद के एकीकृत आजीविका, उद्यान, कृषि, उद्योग एवं परियोजना निदेशक के अधिकारियों के साथ बैठक की। एकीकृत आजीविका के माध्यम से कपकोट विकास खण्ड के मुनार ग्राम में एवं गरूड़ विकास खण्ड के संजीवनी स्वायत्त सहकारिता के पिकल्स यूनिट को एग्री विजनेस ग्रोथ सैंटर हेतु प्रस्तावित किया गया। मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा बताया गया कि गरूड़ में मण्डी समिति रूद्रपुर द्वारा किसानों के स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए पूर्व में बने आपणू बाजार को नये रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसमें कृषि, उद्यान, डयेरी, आजीविका आदि विभाग के समूह, काश्तकार आदि को दुकाने आवंटित की जायेंगी, जो स्थानीय उत्पाद की बिक्री करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य जिसके तहत किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करनी है, को भी प्राप्त किया जा सकेगा। मुख्य कृषि अधिकारी के द्वारा बताया गया कि बदियाकोट एवं कर्मी में रामदाना के उत्पादन हेतु सैन्टर निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि बागेश्वर में आम, एवं शामा में आडू के उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने के लिए कृषि विभाग के द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि ग्रोथ सैंटर के अन्तर्गत फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि विभाग के माध्यम से कर्मी एवं भिलकोट क्षेत्र एवं उद्यान विभाग के माध्यम से द्यांगण क्षेत्र का चयन कर प्रस्तावित किया गया है। इन सैंटरों हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को जिलाधिकारी ने निर्देश दिये है कि डी0पी0आर0 तैयार कर शासन को भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने एकीकृत आजीविका परियोजना प्रबन्धक को कहा कि और्गेनिक उत्पादों को बढ़ाने के साथ ही मडुवे एवं चौलार्इ के बिस्किट एवं लड्डू बड़े पैमाने पर बनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही गुणवत्ता को बनाये रखने हेतु निर्देशित किया गया। जिसे गर्भवती महिलाओं हेतु पोष्टिक पोषण के रूप में दिया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय उत्पादों के मार्केटिंग, प्रोसेसिंग आदि प्रक्रियाओं को सरल रूप से जनसामान्य को सूचित करने हेतु निर्देश दिये गये। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पहाडी लोकल उत्पादों के लिए न केवल एक संगठित बाजार आवश्यक है बल्कि जनसामान्य को स्थानीय उत्पादों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु एक कारगर रणनीति का निर्माण किया जाय।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी बी0पी0मौर्य, परियोजना निदेशक शिल्पी पन्त, आजीविका परियोजना धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा आदि मौजूद थे।