बागेश्वर में हर्षोल्लास से मनाया गया विजय दिवस
बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) जनपद में आज विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में जनपद के 24 शहीद सैनिकों को जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि 03 दिसम्बर 1971 से भारत-पाक युद्ध की घोषणा हुर्इ जो 16 दिसम्बर 1971 तक चला। 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सैनिकों ने अपने आदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना के छक्के छुडाकर विजय प्राप्त की। भारत ने अपने रण कौशल एवं वीर सैनिकों की बहादुरी के बदौलत इस युद्ध को 14 दिनों में समाप्त कर दिया। भारतीय सेना ने आदम्य साहस, उत्तम रण कौशल और उच्च तकनीकि से इस युद्ध को जीत कर 90 हजार पाकिस्तानी सैनिको को बंन्दी बना लिया और शिमला समझौते के तहत ही इन युद्धबंन्दियों को बाद मे रिहा किया गया ये भारतीय सैनिको की ऐतिहासिक जीत सिद्ध हुर्इ। इस युद्ध में हमारे बहुत से सैनिको ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश के लिए समर्पित किया आज समूचा राष्ट्र इन बहादुर सैनिको को श्रद्धासुंमन अर्पित करता है। उन्होंने कहा कि तब से इस दिन को प्रतिवर्ष पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर जिलाधिकारीय रंजना राजगुरू ने विजय दिवस पर पानुली देवी पत्नी खड़क सिंह, मोहनी देवी पत्नी हीरा सिंह, नन्दी देवी पत्नी नारायण सिंह, पदमा देवी पत्नी मोहन राम, कलावती देवी पत्नी भैरव दत्त, चनुली देवी पत्नी भीम सिंह, दम्यन्ति देवी पत्नी उमेश सिंह, बिमला जोशी पत्नी के0आर0जोशी, भागुली देवी पत्नी नर सिंह वीर शहीद सैनिकों की वीर नारियों को सांल ओढाकर संम्मानित किया। उन्होंने कहा कि विजय दिवस भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का प्रतीक है देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए समर्पित सेना के हर जवान और शहीद पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है। देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जायेगा तथा हम सभी लोगों को आने वाली पीढी को भी देश का महत्व बताते हुए इस बलिदान के लिए बच्चों को सीख देनी होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज हमें उन शहीद सैनिकों को याद करने का दिन है जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर अदम्य साहस का परिचय देकर देश की रक्षा की। इस अवसर पर शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी ले0कर्नल गंगा सिंह बिष्ट ने 1971 भारत-पाक युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 14 दिन तक चले इस युद्ध के बाद 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान सेना के 90हजार जवानों को समर्पण के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में जनपद के 24 जवान शहीद हुए। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर उपस्थित बीर नारियों से उनकी कुशलक्षेम के साथ-साथ उनकी समस्यायें भी सुनी कहा कि कोर्इ भी समस्या है तो वे निशंकोच अवगत करायें ताकि उनका समाधान किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, उप जिलाधिकारी बागेश्वर राकेश चन्द्र तिवारी, सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी आर0सी0तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि0अधि0नगरपालिका राजदेव जायसी, दीप चन्द्र बिष्ट, पुष्कर सिंह दानू, मोहन चन्द्र पन्त, सोबन सिंह, किशन सिंह परिहार, दान सिंह, नरेन्द्र सिंह दफौटी, कमला तिवारी आदि मौजूद थे।