अल्मोड़ा में बिच्छू घास (सिसौण) से बनेगी अब हर्बल चाय, प्रशासन ने ली दिलचस्पी
अल्मोड़ा । स्थानीय उत्पाद बिच्छू घास (सिसौण) से हर्बल चाय, रेशा धागा तथा कपड़ा आधारित विविध उत्पाद तैयार करने हेतु जिला प्रशासन तथा ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तत्वाधान में प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ आज श्रद्धानंद क्रीड़ा मैदान ताड़ीखेत में आयोजित कार्यक्रम के द्वारा किया गया। इस शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता रानीखेत विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल ने की तथा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भास्कर खुल्बे तथा सचिव ग्राम्य विकास विभाग उत्तराखंड बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने द्वीप प्रज्वलित कर किया तथा अतिथियों को पौधा तथा उत्तराखंडी टोपी भेंट कर उनका स्वागत किया गया । विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों एवं स्थानीय औषधियों को रोजगार से जोड़कर पलायन की समस्या से निजात दिलाने की दृष्टि से भी इस कार्यक्रम का विशेष महत्व है। इस दौरान विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई आजीविका की इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी में सकारात्मक परिवर्तन होगा तथा महिलाएं इस प्रशिक्षण के माध्यम से बिच्छू घास के विभिन्न उत्पाद बनाने की विधि प्राप्त करेंगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से स्थानीय उत्पादों को बाहरी पहचान भी मिलेगी। उन्होंने प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं से अपील की है कि वह इस प्रशिक्षण को पूरे मनोयोग से पूरा करें। उन्होंने कहा कि आजीविका के क्षेत्र में की गई ऐसी पहल पलायन की समस्या का भी समाधान निकलने में सहायक सिद्ध होगी।
सचिव ग्राम्य विकास विभाग तथा मुख्य परियोजना निदेशक ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि बिच्छू घास से बने उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराकर इसे आजीविका का साधन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम महज औपचारिक न रहे, इसको सफल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को देश विदेश में पहचान दिलाई जाएगी।
जिलाधिकारी वंदना ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह पूरे मनोयोग एवं सकारात्मकता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें तथा अपनी आजीविका को बढ़ाएं। उन्होंने प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को भी लगन एवं एवं निष्ठा से कार्य करने को कहा।
मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा जिसमे 100 महिलाओं को प्रशिक्षा दिया जाएगा तथा प्रत्येक चरण का प्रशिक्षण 5 दिनों का होगा। इसके तहत ताड़ीखेत ब्लॉक से 33 एवं भिकियासैंण ब्लॉक से 49 महिलाओं को चयनित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के प्रथम चरण में महिलाओं को बिच्छू घास से रेशा निकालना, द्वितीय चरण में धागा तैयार करना तथा तृतीय चरण में धागे से कपड़ा तैयार करना सिखाया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित नारीशक्ति स्वायत्त सहकारिता चौकुनी एवं दुर्गा महिला ग्राम संगठन डोबा की महिलाओं को कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराए गए फार्म मशीनरी बैंक का भी अतिथियों ने रिबन काटकर शुभारंभ किया। इस दौरान श्री खुल्बे एवं श्री पुरुषोत्तम को एनआरएलएम की वैष्णो जागृत स्वयं सहायता समूह सिमखलिया द्वारा बनाई गई ऐपण नेम प्लेट भी प्रशासन के माध्यम से भेंट की गई। इस अवसर पर एनआरएलएम के माध्यम से संचालित समूहों द्वारा विभिन्न उत्पादों के स्टाल भी लगाए गए।
कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कलाकारों ने दिखाए तथा स्कूली बच्चों ने सुंदर सुंदर प्रस्तुति देकर सबको आनंदित किया। कार्यक्रम का संचालन विभु कृष्णा ने किया।
इस अवसर पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमालयन पीठाधीश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत जयकिशन, जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना कैलाश भट्ट समेत अन्य गणमान्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।