भारत सरकार को झटका : 13000 करोड़ गए पानी मे ,मेहुल चोकसी ने जीती कानूनी लड़ाई, अब भारत लाना हुआ मुश्किल!
नई दिल्ली । भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को विदेश की एक कोर्ट में बड़ी जीत मिली है। एंटीगुआ और बारबुडा के उच्च न्यायालय ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के पक्ष में फैसला सुनाया है। मेहुल चोकसी 13,000 करोड़ की धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए भारत में वांछित है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़ी राहत देते हुए कहा कि चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है। भारत सरकार के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। कोर्ट के इस फैसले के बाद भगोड़े मेहुल चोकसी का भारत आना मुश्किल हो गया है।
दरअसल, एंटीगुआ और बारबुडा की हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कह दिया है कि पूरी तरह से जांच होने और फैसले आने तक मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डोमिनिकन पुलिस इस बात की पुष्टि करे कि क्या चोकसी को उसकी इच्छा के खिलाफ जबरदस्ती डोमिनिका ले जाया गया था। इसका मतलब साफ है कि भारत सरकार को अब मेहुल चोकसी को भारत लाने में काफी परेशानी आ सकती है। हालांकि, भारत सरकार की अभी तक इसपर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
हाईकोर्ट में मेहुल चोकसी ने खुद को राहत देने की मांग करते हुए कहा कि 23 मई, 2021 को एंटीगुआ और बारबुडा से उसके जबरन अपहरण की जांच होनी चाहिए। इसपर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बिना एंटीगुआ और बारबुडा की सीमा से मेहुल चोकसी को बाहर नहीं ले जाया जाए।
इंटरपोल ने भी पिछले महीने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस हटा दिया था। इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ दिसंबर 2018 में रेड नोटिस जोड़ा गया था। भारत सरकार ने इंटरपोल के इस कदम का कड़ा विरोध किया था। इंटरपोल ने वांटेड सूची से मेहुल चोकसी का नाम हटाने को लेकर भारत काफी नाराज है। इसके लिए उन्होंने जोरदार तरीके से विरोध किया है।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों की सांठगांठ से 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है। 2011 से 2018 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की गई।