चंद्रयान-3 के रोवर ने चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी की
चेन्नई । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के करीब ढ़ाई घंटे बाद रोवर प्रज्ञान ने सतह पर आकर चहलकदमी की। इसरो के सत्रों ने बताया कि चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद लैंडर से करीब ढाई घंटे बाद रोवर प्रज्ञान बाहर निकला। छह पहियों वाला रोवर चांद की स्तर पर चहलकदमी कर रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र अध्यक्ष पवन गोयनका एक्स किया, भारत का चंद्रमा रोवर लैंडर से बाहर आ गया है और रैंप पर है। उन्होंने लैंडर से बाहर आते रोवर की पहली तस्वीर और रैप पर की भी तस्वीर पोस्ट की। इसरो के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा उस ‘गहरे अंधेरे’, सर्वाधिक ठंडे और दुर्गम छोर ‘दक्षिणी ध्रुव’ को साहसिक कदमों से चूमा है जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। भारत के वैज्ञानिकों ने बुधवार को चंद्रमा की दुनिया में अभूतपूर्व इतिहास रचा दिया।
भारत के लिए 23 अगस्त की शाम छह बजकर चार मिनट ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ गौरवपूर्ण क्षण रहा। चंद्रयान-3 आज वहां पहुंच गया जहां इससे पहले कोई भी देश नहीं पहुंच पाया था। चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान चंद्रमा के भूमध्य रेखा के पास के क्षेत्र पर उतर चुके हैं क्योंकि यह आसान और सुरक्षित है। इस इलाके का तापमान उपकरणों के लंबे समय तक और निरंतर संचालन के लिए अधिक अनुकूल है। वहां सूर्य का प्रकाश भी है जिससे सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों को नियमित रूप से ऊर्जा मिलती है।