दून में फ्लाईओवर का निर्माण किस मास्टरप्लान से हुआ : हाइकोर्ट नैनीताल
नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दूनघाटी को ईको सेंसटिव जोन घोषित करने व मास्टर प्लान के मुताबिक विकास योजनाएं न बनने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिए हैं कि बल्लीवाला व आईएसबीटी फ्लाईओवर का निर्माण किस स्वीकृत मैप के अनुसार किया गया, इसके बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। प्रदेश के स्थायी अधिवक्ता से इस मामले को प्राथिमकता से देखने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार देहरादून निवासी आकाश वशिष्ठ ने जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा है कि वर्ष 1989 में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय केंद्र सरकार ने दूनघाटी को ईको सेंसटिव जोन घोषित किया गया था। 34 साल बीत जाने के बाद भी इस शासनादेश को प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया गया। जिसकी वजह से दूनघाटी में नियमविरुद्ध तरीके से विकास कार्य, खनन, पर्यटन व अन्य गतिविधियां गतिमान हैं। विकास कार्यों के लिए मास्टर प्लान नहीं है। न ही पर्यटन के लिए पर्यटन विकास योजना बनाई गई। जिसकी वजह से नियम विरुद्ध विकास कार्य हो रहे हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि दूनघाटी में समस्त विकास कार्य मास्टर प्लान के अनरूप हों। याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि देहरादून प्रदेश की राज्यधानी है उसका विकास तो स्वीकृत मास्टर प्लान के मुताबिक होना चाहिए।