तिरुपति प्रसाद तक कैसे पहुंची जानवर की चर्बी? मुख्य पुजारी ने बताई वजह, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली । तिरुपति प्रसाद को लेकर मचा बवाल बढ़ता जा रहा है। इस बीच तेलंगाना में चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने तिरुपति प्रसाद को लेकर कहा है कि यह केवल एक विवाद नहीं है, बल्कि इससे करोड़ों लोगों की सीधे तौर पर भावनाएं आहत हुई हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने कहा, कि ‘जो हुआ है, वह यह है कि हम पहले से ही निविदा प्रक्रिया के बारे में कह रहे हैं, जब आप लड्डू के लिए सामग्री खरीदते हैं तो आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं।’ उन्होंने कहा कि जिस क्षण आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं, आप मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा,’वास्तव में आज सबसे अच्छा गाय का घी 1000 प्रति किलोग्राम से कम नहीं हो सकता। कोई व्यक्ति 320 रुपये कैसे बोल सकता है? यदि कोई 320 रुपये बोलता है तो हर पैकेट मिलावटी है। यह एक बड़ा दुखद मुद्दा है, हमें दोषी को ढूंढऩा होगा और उसके खिलाफ मामला दर्ज करना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लड्डू वाले विवाद पर आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार से रिपोर्ट तलब कर ली है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ स्नस्स््रढ्ढ के मानकों के तहत ऐक्शन लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल रिपोर्ट ही तलब की गई है। आगे की कार्रवाई पर जांच रिपोर्ट के बाद ही फैसला लिया जाएगा। जेपी नड्डा ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि लड्डू में पिग फैट, मछली का तेल और बीफ टैलो के अंश वाला घी प्रयोग किया गया।