November 21, 2024

मजदूर का बेटा अनुरा कुमारा चुने गए श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, लहराया लाल झंडा


कोलंबो । मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है। जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। एक साधारण परिवार से आने वाले अनुरा की इस पद तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है।
दिसानायके का जन्म श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 100 किलोमीटर दूर थंबुट्टेगामा में एक दिहाड़ी मजदूर के घर हुआ था। दिसानायके अपने परिवार के गांव से विश्वविद्यालय जाने वाले पहले छात्र थे। एक बातचीत में उन्होंने बताया था कि शुरुआत में पेराडेनिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं के कारण धमकियां मिलने लगीं और वह केलानिया यूनिवर्सिटी आ गए। दिसानायके ने 80 के दशक में छात्र राजनीति शुरू की। कॉलेज में रहते हुए 1987 और 1989 के बीच सरकार विरोधी आंदोलन के दौरान वह जेवीपी में शामिल हुए और तेजी से अपनी पहचान बनाई।
वामपंथी दिसानायके कॉलेज में रहते हुए ही जेवीपी के साथ जुड़े। 80 के दशक में जेवीपी ने सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया और भारी हिंसा हुई। इसे श्रीलंका का खूनी दौर भी कहा जाता है। सरकार ने इस विद्रोह को कुचला और इसमें जेवीपी संस्थापक रोहाना विजेवीरा भी मारे गए। हालांकि बाद में दिसानायके और जेवीपी ने हिंसा के रास्ते से दूरी बनाई और। दिसानायके साल 2000 में सांसद बने और इसके बाद 2004 में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के साथ गठबंधन के बाद उन्होंने कृषि और सिंचाई मंत्री बनाया गया। हालांकि गठबंधन में असहमति के बाद दिसानायके ने 2005 में ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।