March 14, 2025

अमेरिका   से जबरन भेजे गए लोगों में एक तिहाई हैं 25 साल से कम के युवा


अमृतसर। अमेरिकी वायु सेना का सी-17 विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर 1.55 बजे अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इसमें 48 लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 25 साल से कम है। यानी अमेरिका से जबरन भेजे गए एक तिहाई से ज्यादा लोग 25 साल से कम उम्र के हैं। सूत्रों ने बताया कि निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं।
अमेरिका से वापस भेजे गए लोगों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग भी शामिल हैं। इनमें चार साल का बच्चा भी शामिल है। मंगलवार को टेक्सास से उड़ान भरने वाले इस विमान में 11 चालक दल के सदस्य और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करने वाले 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार थे। पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वापस भेजे गए पंजाब के 30 लोगों में अधिकतर गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, नवांशहर, पटियाला, मोहाली और संगरूर के रहनेवाले हैं। इनमें से कुछ लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसे थे, जबकि अन्य वीजा अवधि से अधिक समय तक अमेरिका में रुके हुए थे।
बड़ी बात यह है कि अमेरिका ने ऐसे समय में भारतीय अवैध प्रवासियों को वापस भेजा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह वाशिंगटन यात्रा पर जाने वाले हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली यात्रा होगी। हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि नई दिल्ली अमेरिका सहित विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की “वैध वापसी” के लिए तैयार है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को जानकारी दी थी कि भारत सत्यापन के बाद इन प्रवासियों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इससे पहले की खबरों में दावा किया गया था कि 205 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 रवाना हुआ है। यह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों की पहली खेप है जिन्हें अमेरिका की नई ट्रंप सरकार ने निर्वासित किया है।
पिछले महीने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब के कई लोग लाखों रुपये खर्च करके ‘डंकी रूट’ या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन अब उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है।