April 1, 2025

नई चोट, नए जख्म


इक्विटी बाजार में गिरावट से घरेलू आय और उपभोग में भी गिरावट आ सकती है, जिसका असर आर्थिक विकास पर पड़ेगा। स्पष्टत: यह निवेशक आधार के अधिक व्यापक होने की कीमत है। इससे भारत का आर्थिक दुश्चक्र और संगीन हो रहा है।
अमेरिका के टैरिफ वॉर से पहले से ही कमजोर भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था पर नए जख्म लग रहे हैं। इसकी एक मिसाल औषधि उद्योग है, जहां अनेक दवा कारखानों के बंद होने का अंदेशा गहरा गया है।
रुबिक्स डेटा एजेंसी के आकलन के मुताबिक अमेरिका में ऊंची शुल्क दर से यहां उत्पादन लागत बढ़ जाएगी, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाइयां मुकाबले में पिछडऩे लगेंगी।
इसकी सबसे तीखी मार जेनेरिक फॉर्मूलेशन, एक्टिव फॉर्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंटेस, और कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवपमेंट एंड मैनुफैक्चरिंग संगठन पर पडऩे की आशंका है। इस बीच टैरिफ वॉर से शेयर बाजार में उथल-पुथल बढ़ी है।
वैसे ही विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे थे, लेकिन ट्रंप काल में ये रफ्तार और तेज हो गई है।
कोरोना के बाद शेयर बाजारों में उछाल
सितंबर के बाद से ये निवेशक 27 बिलियन डॉलर से अधिक रकम निकाल चुके हैं। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के आंकड़ों के मुताबिक 2008 की वैश्विक मंदी के बाद से भारतीय बाजार में यह एफआईआई की सबसे बड़ी बिकवाली है।
इसका सीधा असर मध्य वर्गीय परिवारों में महसूस किया जा रहा है। कोरोना काल के बाद शेयर बाजारों में आई उछाल ने करोड़ों लोगों को वित्तीय संपत्तियों में निवेश के लिए प्रेरित किया।
दस करोड़ से अधिक नए निवेशकों ने शेयर बाजार में प्रवेश किया। अपनी बचत- और कुछ लोगों ने तो कर्ज तक लेकर इस कारोबार में पैसा लगाया। शेयरों की बढ़ती कीमत ने उनमें समृद्धि की नई आस जगाई थी।
लेकिन अब अचानक इस पर तुषारापात

हुआ है। लोगों की बनी रकम हवा में गायब हो रही है। अब तक बाजार से लगभग एक लाख करोड़ रुपये हवा हो गए हैँ।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एक विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि इक्विटी बाजार में गिरावट से घरेलू आय और उपभोग में भी गिरावट आ सकती है, जिसका असर आर्थिक विकास पर पड़ेगा।
स्पष्टत: यह निवेशक आधार के अधिक व्यापक होने की कीमत है। तो कुल मिला कर भारत का आर्थिक दुश्चक्र संगीन हो रहा है। वित्तीय संपत्तियों में उछाल जमीनी अर्थव्यवस्था का प्रतिबिंब तो नहीं थी, मगर उसमें गिरावट से वास्तिवक अर्थव्यवस्था पर भी ग्रहण अधिक अंधकारमय होता दिख रहा है