एस0एस0पी0 अल्मोड़ा ने विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ अल्मोड़ा को नशा मुक्त करने के संकल्प विषयक पर आयोजित की संगोष्ठी
अल्मोड़ा ( आखरीआंख ) अल्मोड़ा पुलिस द्वारा मनाये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक पखवाड़े में आज दिनाॅक- 28.06.2019 को उत्तराखण्ड सेवा निधि संस्थान जाखनदेवी में अल्मोड़ा को नशा मुक्त करने का संकल्प विषयक संगोष्ठी आयोजित की गयी। जिसमें जनपद के विचारक, चिन्तक, बुद्विजीवी व समाज के विभिन्न क्षेत्रों से के आये कला, पर्यावरण, चिकित्सा, शिक्षा, खेल, मीडिया व सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत विशेषज्ञों द्वारा नव-युवाओं में तेजी से बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की गयी। कार्यक्रम का संचालन सुश्री विभूकृष्णा द्वारा किया गया। श्री प्रहलाद नारायण मीणा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यक्रम में आमन्त्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जनपद अल्मोड़ा मे एनडीपीएस के मामले वर्ष 2015 से प्रचलन में आये तथा प्रतिवर्ष इनमें वृद्वि होती जा रही है, वर्ष- 2019 में अब तक 21 मामले पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी है। अल्मोड़ा में अफीम की बरामदगी का सबसे पहला मामला इसी वर्ष प्रकाश में आया है साथ ही 35 वर्ष से कम उम्र के युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। मेरे द्वारा नशे को रोकने हेतु आपरेशन नया सवेरा कार्यक्रम चलाकर बड़ी कार्यवाहियाॅ की गयी हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने नशे के कारोबार व आतंकवाद का सीधा सम्बन्ध बताते हुए कहा कि नशे के अवैध व्यापार से अर्जित धन का प्रयोग आतंकबादी गतिविधियों को किये जाने के लिए प्रयोग किया जाता है। किन्तु अकेले पुलिस के प्रयास से इस सामाजिक बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता है इसमें आप सभी को हर स्तर पर पुलिस को सूचना देकर सहयोग करना अतिआवश्यक है। अन्य विचारकों एवं चिन्तकों के द्वारा भी नशे पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए इस आयोजन में सभी स्कूलों के अध्यापक, प्रधानाचार्य को भी आमंत्रित किये जाने का सुझाव दिया तथा बच्चों का रूझान कला की ओर करने की सलाह दी गयी। शिक्षा क्षेत्र से आये विशेषज्ञों द्वारा अवगत कराया गया अभिभावकों को बच्चों की आपस में तुलना न करने/विद्यालय, शिक्षण संस्थानों के आस-पास नशीली वस्तुओं को बेचने की पूरी पाबन्दी लगाने तथा बेरोजगारी बच्चों के साथ संवाद हीनता को भी नशे की गिरफ्त में आने का कारण बताया गया। सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों द्वारा छात्र अभिभावक टीचर के मध्य लगातार समन्वय करने/नशे के विरूद्व संगोष्ठिया हर 2- 3 महीने के अन्तर्गत किये जाने तथा चिकित्सा क्षेत्र से आये विशेषज्ञों द्वारा नशे की गिरफ्त में आये बच्चों लक्षण बताये गये। इसके अतिरिक्त सभी के द्वारा शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता, अभिभावकों को अपने बच्चों पर पूरा ध्यान देने, स्कूलों में खेलों की सुविधा बढ़ाने, बच्चों को कला की ओर मोड़ने, नैतिक शिक्षा में बल दिया जाय। अल्मोड़ा के शिक्षा का केन्द्र रहा है किन्तु आज नशे की चपेट में आ रहा है यह अत्यन्त चिन्तनीय है इस पर सभी को एकजुट होकर कार्य करने एवं अल्मोड़ा को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया गया। सभी विशेषज्ञों द्वारा पुलिस की यह सराहनीय पहल बताते हुए प्रसंशा की गयी। संगोष्ठी में श्री प्रकाश चन्द्र जोशी अध्यक्ष नगर पालिका, श्री गोविन्द सिंह पिल्खवाल जिलाध्यक्ष, श्री नितिन भदौरिया जिलाधिकारी, श्री ललित पाण्डे सेवा निधि, गिरीश चन्द्र मलहोत्रा, थ्रीश चन्द कपूर, डा0 जे0सी0 दुर्गापाल, डा0 सविता हयाॅकी, जे0सी0 लोहनी, आनन्द सिंह बगडवाल, के0सी0 जोशी, जीवन सिंह मेहता, आनन्द सिंह, गणेश दत्त, वसुधा पन्त, जंगबहादुर थापा, भूपेन्द्र बल्दिया, यूसुफ तिवारी, प्रकाश पाण्डे, शिवेन्द्र गोस्वामी, प्रमोद डालाकोटी, रमेश जडौत, गिरीश पन्त, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, अनिल कुमार यादव, रमा जोशी, रिचर्ड व्हीलर, तारा दत्त तिवारी, नवीन भट्ट, धना शाही आदि सहित श्री वंश बहादुर यादव मुख्य अग्निशमन अधिकारी, श्री अजेन्द्र राणा जिला सूचना अधिकारी, श्री अरूण कुमार वर्मा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली, श्री अशोक परिहार प्रतिसार निरीक्षक, श्री हरीश चन्द्र पन्त पीआरओ, श्री गणेश सिंह हरड़िया उ0नि0, का0 महेन्द्र गनघरिया आदि उपस्थित रहे।