December 3, 2024

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पलायन पर हुआ गहन मंथन

पौडी  ( आखरीआंख  ) गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पौड़ी में प्रदेश की मंत्रीपरिषद की बैठक आयोजित की गई। इसमें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, डा. हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, रेखा आर्य उपस्थित थे।  मंत्रीपरिषद ने पर्वतीय क्षेत्र से होने वाले पलायन पर गहन विचार विमर्श किया। इसमें मुख्यतः रोजगार व कौशल विकास, जल संचय व जलस्त्रोतों का संरक्षण के साथ ही ग्राम्य विकास की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
राज्य सरकार द्वारा उत्त्राखण्ड में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हेतु कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 को रोजगार वर्ष के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। पेशेवर युवाओं हेतु मुख्यमंत्री युवा पेशेवर नीति प्रख्यापित की गयी। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु जिला उद्योग केन्द्रों में महिलाओं के लिये हेल्प-डेस्अक व स्टैण्डअप योजना में समुचित प्रस्ताव तैयार किया जाना। देश के पर्वतीय जनपदां में अग्रणी उत्पादध्सेवा आधारित ग्रोथ सेंटर की स्थापना। इसमें क्लस्टर आधारित एप्रोच, वित्तीय समावेशन, ब्राण्ड का विकास व मार्केट लिंकेज। राज्य में स्टार्टअप को प्रोत्साहन। इन्क्यूबेटर की स्थापना व सभी जनपदों बूथ कैंप व स्टार्ट जागरूकता कार्यक्रमों का अयोजन। प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों तथा स्टार्टअप के लिए क्रय वरीयता नीति। ऋण आधारित ब्याज उपादान योजना-शहरी विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, जनजाति कल्याण व बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम, उत्तराखण्ड खादी बोर्ड (रू. 2 से 5 लाख तक की परियोजनायें)
 वीर चन्द्र सिंह गढ़वाल पर्यटक स्वरोजगार योजना-वाहन व गैर वाहन हेतु अनुमन्य।दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना। उद्यान विभाग की मशरूम उत्पादकों, पॉलीहाउस व उद्यानिक गतिविधियों हेतु योजना।  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-स्वयं सहायकता समूह आधारित। आईफेड-आईएलएसपी-ग्राम्या-उत्पादक समूह आधारित। बैंकों द्वारा संचालित योजनायें-मुद्रा, स्टैण्डअप। उद्योग-एमएसएमई विभाग द्वारा संचालित योजनायें-औद्योगिक विकास योजना, पीएमईजीपी, स्टार्टअप, एमएसएमई नीति, महिला उद्यमी विशेष प्रोत्साहन योजना। राज्य की पर्वतीय जनपदों में विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 से लागू होने के पश्चात 2937 इकाईयों की स्थापना द्वारा 32634 लोगों को रोजगार व रू. 440 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अधीन वर्ष 2016-17 में 943 परियोजनाओं में रू. 15.62 करोड़ का पूंजी निवेश, 2017-18 में 1558 परियोजनाओं में रू. 28.10 करोड़ का पूंजी निवेश व वर्ष 2018-19 में 2168 परियोजनाओं रू. 40.83 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। इनमें 6384 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। राज्य के लिये चिन्ह्ति फोकस क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिये पारदर्शी व्यवस्था। एकल खिड़की के माध्यम से समयबद्ध कार्यवाही व ईज ऑफ डूइंर्ग बिजनेस। उद्यमिता एवं रोजगार को बढ़ावा देने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वरोजगार प्रोत्साहन व अनुश्रवण समिति का गठन। विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं की मैपिंग। पलायन के दृष्टि से चिन्ह्ति संवेदनशील क्षेत्रों में सभाव्य गतिविधियों को प्रोत्साहन।
 जिला स्तर पर विभिन्न उद्यमियों को बड़े निवेशकों के सम्पर्क में लाकर एन्सीलरी एवं वेण्डर डेवलपमेंट को प्रोत्साहन दिया जाएगा। विभागों, संस्थाओं व बैंकों के मध्य समन्वय स्थापित किया जाएगा। सेवा क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिये वांछित स्किल चिन्हीकरण किया जाएगा। मॉडल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की उपलब्धता। जलसंचय व जलस्त्रोंतों के संरक्षण पर मंथन हुआ। जल संचय तथा श्रोत संरक्षण-संवर्द्धन के कार्यों को बढ़ावा दिये जाने हेतु सम्पूर्ण भारत में जल शक्ति अभियान चलाये जाने विषयक मा. प्रधान मंत्री जी के आवाहन के आलोक में उत्तराखण्ड राज्य के सन्दर्भ में सतही एवं भूजल की वर्तमान स्थिति तथा प्रदेश के समस्त नागरिकों को जल की सुलभता सुनिश्चित करने हेतु सम्यक चर्चा की गयी।