November 22, 2024

जाने: प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकशान तथा प्रभावितों हेतू आपदा मोचन निधि के मानक

बागेशर ( आखरीआंख ) : प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकशान तथा प्रभावितों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि के मानक निर्धारित किये गये है जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में सभी उपजिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकशान के संबंध में आपदा प्रबन्धन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि के मानकों का निर्धारण किया गया है जिसमें मानव हानि, पशुहानि, परिसम्मपत्तियों को नुकशान एवं कृषि भूमि, सरकारी योजनायें आदि क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल सहायता पहुॅचाने के लिए अलग-अलग मानक निर्धारित किये गये है, जिसमें आपदा के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर तत्काल मृत व्यक्ति के परिजनों को 04 लाख की सहायता राशि निर्धारित की गयी है तथा हाथ, पैर एवं ऑखों की क्षति होने पर 69100 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है, 02 हेक्टेयर तक कृषि भूमि वाले किसानों को क्षति होने पर 12200 प्रति हेक्टेयर की दर से प्रत्येक मद के लिए तथा भू-स्खलन, हिम-स्खलन या नदी के मार्ग बदलने के कारण अधिकांश भूमि को हुर्इ क्षति के लिए 37500 प्रति हेक्टेयर यह सहायता केवल राजस्व अभिलेखों के अनुसार विधिक रूप से निजी स्वामित्व वाली भूमि की क्षति की स्थिति में केवल छोटे एवं सीमान्त किसानों को दी जाती है। कृषि बागवानी व सालाना फसलों की क्षति 33 प्रतिशत या अधिक होने की स्थिति में 6800 प्रति हेक्टेयर असिंचिंत क्षेत्रों में यह सहायता केवल बोये गये क्षेत्र के लिए देय होगी तथा 13500 प्रति हेक्टेयर सिंचार्इ वाले क्षेत्र के लिए देय होगी तथा किसी भी कृषक को 1000 से कम सहायता राशि नहीं होगी यह सहायता केवल बोये गये क्षेत्र के लिए देय होगी। पशु पालन छोटे व सीमान्त कृषकों के दुधारू पशुओं की मृत्यु होने पर जिसमें भैस, गाय, ऊॅट आदि के लिए 30 हजार प्रति पशु तथा भैड, बकरी, सुअर के लिए 3000 प्रति पशु तथा कृषि व ढुलार्इ वाले पशु घोड़ा, बैल आदि के लिए 25 हजार प्रति पशु तथा पछिया, गधा, टट्टू, खच्चर आदि के लिए 16 हजार प्रति पशु सहायता राशि निर्धारित की गयी है। पूर्णत: क्षतिग्रस्त एवं नष्ट पक्का भवन मैदानी क्षेत्र के लिए 95 हजार तथा पक्का भवन पहाड़ी क्षेत्र के लिए 01 लाख 01 हजार 900 प्रति भवन तथा पक्का भवन झोपड़ी जहॉ 15 प्रतिशत क्षति होने पर 05 हजार 200 प्रतिभवन, कच्चा भवन झोपड़ी जहॉ 15 प्रतिशत क्षति होने पर 03 हजार 200 प्रति भवन सहायता राशि निर्धारित की गयी है। सड़कों की मरम्मत के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं प्रमुख जनपद मार्गों हेतु 01 लाख प्रति किमी की दर से एवं ग्रामीण मार्गों हेतु 60 हजार प्रति किमी की दर से देय होगी। क्षतिग्रस्त पेयजल योजना की मरम्मत के लिए सहायता हेतु संरचना को 1.50 लाख प्रति र्इकार्इ की दर से सहायता देय होगी। प्राथमिक विद्यालय भवनों की क्षति के लिए 1.50 लाख प्रति र्इकार्इ तथा प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र हेतु 1.50 लाख प्रति र्इकार्इ, विद्युत के खम्बे, तार इत्यादि मानक लागत 04 हजार प्रति खम्बा तथा 50 हजार प्रति किमी तक तथा पंचायतघर, ऑगनबाड़ी केन्द्र, महिला मंगल दल, युवक केन्द्र/सामुदायिक कक्ष के लिए 1.50 लाख प्रति र्इकार्इ देय होगा। लघु सिंचार्इ योजनायें/नहरों के लिए 1.50 लाख प्रति योजना निर्धारित की गयी है। बैठक अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य आपदा मोचन निधि के मानकों के अनुसार आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली योजनाओं के प्रस्ताव एवं आंगणन तैयार करें तथा संबंधित योजना पर व्यय होने वाली धनराशि का आकलन एवं उसके फोटोग्राफ सहित उपलब्ध करायें ताकि योजना का सत्यापन करने में कोर्इ परेशानी न हो तथा योजना व्यय होने वाली धनराशि को तत्काल स्वीकृत किया जा सके। बैठक में उप जिलाधिकारी बागेश्वर राकेश चन्द्र तिवारी, कपकोट प्रमोद कुमार, काण्डा रवीन्द्र सिंह, गरूड़ जयवर्धन शर्मा, वरिष्ठ कोषाधिकारी नीतू भण्डारी, आपदा प्रबन्धन अधिकारी शिखा सुयाल, अधि0अभि0लोनिवि कपकोट संजय पाण्डेय, पीएमजीएसवार्इ बागेश्वर राजेन्द्र प्रसाद सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।