ग्रोथ सेन्टरों हेतू प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करे अधिकारी: जिलाधिकारी
बागेश्वर ( आखरीआंख ) जनपद में ग्रोथ सेंटर विकसित करने व उनके सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की। जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा ग्रोथ सेंटरों के लिए बनार्इ जाने वाली कार्य योजना की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रोथ सेंटर योजना को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पाद एवं सेवाओं को राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करने व स्थानीय स्तर पर रोजगार के व्यापक अवसर सृजन करना है, जिसमें क्लस्टर आधारित एप्रोच पर सूक्ष्म एवं लघु विनिर्माणक एवं सेवा क्षेत्र के उद्यमों के सफल संचालन हेतु सक्षम उद्यमी/कृषक उत्पादक/शिल्पकार एवं बुनकर को संगठित कर इनके निरन्तर व्यवसाय हेतु सुगमीकरण, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों में सामूहिक सपोर्टिव कार्यक्रमों के संचालन जैसे सामूहिक सुविधा केन्द्रों, टेस्टिंग लैब एवं अन्य अवस्थापना सृजन हेतु क्षमता विकास, क्लस्टर स्तर पर चयनित/प्रोत्साहित उद्यम गतिविधि हेतु आवश्यक इनपुट्स जैसे नवीन तकनीक का समावेश, मशीनरी एवं उपकरण, डिजाइन, पैकेजिंग व विपणन संबंधी आधारभूत संरचनाओं की उपलब्धता हेतु आवश्यक लिंकेज स्थापित करना तथा उद्यमीय गतिविधि के प्रोत्साहन हेतु वित्तीय समावेश एवं उपलब्ध प्रोत्साहन योजना के प्रति भावी उद्यमियों को जागरूक करना है।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों द्वारा ग्रोथ सेंटरों हेतु तैयार किये जाने वाली कार्य योजना की समीक्षा की जिसमें जलागम द्वारा एग्री विजनेस ग्रोथ सेंटर ग्राम पंचायत शामा में हल्दी, अदरक, मिर्च, लहसुन, सब्जियॉ, नींबू, तिलहन, तेजपत्ता व अनाज हेतु ग्रोथ सेंटर तैयार किया जायेगा। डेयरी विकास विभाग द्वारा ए2 मिल्क आधारित ग्रोथ सेंटर कमेड़ी बागेश्वर में तैयार किया जा रहा है तथा एकीकृत आजीविका से बैकरी आधारित ग्रोथ सेंटर कपकोट एवं फल आधारित ग्रोथ सेंटर गरूड़ में विकसित किया जा रहा है तथा उत्तराखण्ड भेड़ एवं विकास बोर्ड द्वारा आर्गेनिक ऊन आधारित ग्रोथ सेंटर कपकोट में, मत्स्य विभाग द्वारा ट्राउट मत्स्य आधारित ग्रोथ सेंटर जगथाना, चचर्इ, कपकोट में तथा यू0एस0आर0एल0एम0 द्वारा फल एवं मशाला आधारित ग्रोथ सेंटर कपकोट में विकसित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक डेयरी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में पशुपालन के क्षेत्र में लोग बेहतर कार्य कर रहे है तथा उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो रही है इसके लिए उन्होंने दुधारू नस्ल के पशुओं को उपलब्ध कराने को कहा। तथा इस प्रोजेक्ट में गोट मिल्क बकरी के दूध को भी शामिल करने को कहा तथा इसमें स्थानीय स्तर पर बकरियों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिये। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि संबंधित विभागों द्वारा जो भी ग्रोथ सेंटर विकसित किये जा रहे है उसके लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों के प्रोजेक्ट तैयार करें तथा व्यय होने वाली धनराशि का भी आंकलन करते हुए कार्य योजना के प्रस्ताव महाप्रबन्धक उद्योग विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि इन ग्रोथ सेंटरों में जल्द से जल्द कार्य प्रारम्भ किया जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, महाप्रबन्धक उद्योग बी.सी.चौधरी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, लीड बैंक अधिकारी मनोहर सिंह पांगती, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए अमर सिंह गुन्जयाल, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी के.एस.कम्र्याल, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पन्त, परियोजना प्रबन्धक आजीविका धर्मेन्द्र पाण्डेय, भूमि संरक्षण अधिकारी गीतांजलि बंगारी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चन्द्र आर्या, सहायक निदेशक डेयरी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।