बागेश्वर में बर्फबारी से ऊर्जा निगम को 7 लाख का नुकसान
बागेश्वर। बर्फबारी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, किसानों तथा प्राणी मात्र के लिए यह संजीवनी का काम करती है, लेकिन ऊर्जा निगम को इस बार की बर्फबारी सात लाख का नुकसान पहुंचाया है। बिजली के ट्रांसफार्मर जलने, पोल टूटने तथा बिजली की लाइनों में पेड़ गिरने से लोगों ने अंधेरे में रात काटी। कपकोट तहसील में भी भी 16 गांवों में विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई है। विभाग के कर्मचारी बर्फ को फांदते हुए उच हिमालयी क्षेत्र के गांवों को बिजली पहुंचाने में दिन-रात लगे हैं। मालूम हो कि गुरुवार और शुक्रवार को हुई भारी बर्फबारी से घाटी क्षेत्रों को छोड़कर समूचा जिला बर्फ से लकदक रहा। शनिवार और रविवार को कौसानी, शामा, धरमघर आदि क्षेत्रों में लोग इसका लुत्फ उठाने के लिए भी पहुंचे। लोगों ने प्रकृति के इस उपहार का जमकर मजा लिया। लोनिवि, ऊर्जा निगम के लिए बर्फबारी काफी परेशानी लेकर आया। लोनिवि की तो सड़कें बंद हुई, जिन्हें जेसीबी के माध्यम से खोला जा रहा है। ऊर्जा निगम को दो दिन में सात लाख का नुकसान हुआ है। चार लाख रुपये की लागत के छह ट्रांसफार्मर जल गए। इसके अलावा तीन लाख रुपये की लागत के चार डबल पोल ध्वस्त हो गए। इस कारण कपकोट क्षेत्र के अधिकतर गांव के लोगों ने दो दिन तक अंधेरे में रात बिताई। शनिवार को ऊर्जा निगम की टीम उच हिमालय के गोगिना कीमू, लीती, रातिरकेटी, मल्खाडुंगर्चा, हाटीकापड़ी, सगड़, घुघतीघोल, गोगीना के गांवों में तीन बजे विद्युत आपूर्ति सुचारू की। जेई राजेंद्र साही टीम सहित शुक्रवार से नाचनी (पिथौरागढ़) जिले में ही डेरा डाले हैं। उनके प्रयास से 49 गांवों में शनिवार को बिजली सुचारू हो गई है। 16 गांव अभी भी अंधेरे में डूबे हैं। वहां बिजली की लाइनों में मरमत का काम चल रहा है।