बागेश्वर में कफलिग़ैर के घटगाड़ गांव में 23 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क
बागेश्वर। काफलीगैर तहसील का घटगाड़ गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं की टोह देख रहा है। आंबेडकर गांव के नाम से सड़क तो स्वीकृत हुई, परंतु प्रशासन की अनदेखी के चलते 23 सालों से गांव को सड़क से नहीं जोड़ा गया है। गांव के लिए स्वीकृत सड़क 24 सालों में महरगांव तक ही पहुंच पाई है। वर्ष 1996-97 में केंद्र सरकार ने घटगाड़ के लिए तीन किमी सड़क की स्वीकृति की थी। गांव को सड़क मार्ग तक जोडऩे के लिए सर्वे हुआ। सर्वे का काम टुनेश से डौल होते हुए महरगांव और घटगाड़ तक हुआ। परंतु कुछ लोगों के विरोध के चलते सड़क को बोहाला गांव से कटान किया गया। जिसके बाद 2004 तक सड़क का प्रथम चरण का काम गांव के महरगांव तोक तक हो सका। घटगाड़ के ग्रामीणों द्वारा कई बार गांव तक सड़क को जोडऩे की मांग की गई, लेकिन विभागीय अनदेखी के चलते अब तक सड़क गांव तक नहीं पहुच पाई है। सड़क के अभाव में ग्रामीण मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए डोली से ले जाने को मजबूर हैं। बीस साल बीत जाने के बाद सड़क नहीं बनने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। शीघ्र गांव तक सड़क नही बनाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। चेतावनी देने वालों में पूर्व प्रधान सरस्वती देवी, घनश्याम, बहादुर राम, हरीश प्रसाद, नवीन कुमार, गीता देवी, जसुली देवी आदि शामिल हैं।
बोहाला से घटगाड़ के लिए सड़क नहीं बन पाना दुखद है। गांव को सड़क से जोडऩे के लिए प्रयास किया जाएगा। जल्द सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा। सड़क निर्माण के लिए पूर्व में जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को उठाना चाहिए था।
-चंदन सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य, असौं।
महरगांव से घटगाड़ को जोड़ते हुए पगना तक सड़क निर्माण के लिए पांच किमी सर्वे में वन भूमि के चलते सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। वन विभाग द्वारा ऑनलाइन स्वीकृति के बाद आगणन शासन को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही सड़क निर्माण कार्य कराया जाएगा। – कैलाश आर्य, सहायक अभियंता, लोनिवि, बागेश्वर।