उग्र हुए कर्मचारी,पदोन्नति में आरक्षण के आदेश की प्रतियां फूंकी
देहरादून। पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ हड़ताल कर रहे कर्मचारी उग्र होते जा रहे हैं। हड़ताल के तीसरे दिन जहां कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड में धरना देते हुए पदोन्नति में आरक्षण के आदेश की प्रतियां फूंकी। वहीं कई दतरों में जाकर काम कर रहे जनरल ओबीसी कर्मचारियों को हड़ताल में लाने की कोशिश की, जिससे कई जगह हंगामा भी हुआ। रोजाना की तरह सभी विभागों के कर्मचारी दतरों के बजाए सुबह दस बजे से ही परेड ग्राउंड पहुंचने लगे थे। करीब 11 बजे तक वहां बड़ी संया में कर्मचारी वहां जमा हो गए। इसके बाद वहां सरकार के खिलाफ जमकर भाषणबाजी हुई। इसके बाद वहां पदोन्नति में आरक्षण के आदेश की प्रतियों की होली जलाकर विरोध प्रकट किया गया। गैरसैंण में गिरतारी के बाद पहुंचे उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी और अन्य पदाधिकारियों का मालाएं पहनाकर स्वागत भी किया गया। कुछ कर्मचारियों और सामाजिक संगठनों ने वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए आरक्षण का विरोध किया। दीपक जोशी ने कहा कि सरकार अगर जिद पर अड़ी है तो हम भी अब पीछे हटने वाले नहीं। अब सिर्फ बिना आरक्षण के पदोन्नति के आदेश पर ही हड़ताल खत्म होगी। प्रांतीय कोषाध्यक्ष सीएल असवाल ने कहा कि अब कर्मचार सरकार की चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आने वाले। अब रण होकर रहेगा। राय कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि सरकार को अब हम और वक्त नहीं दे सकते। अब हम सरकार के पास नहीं जाएंगे। सरकार आदेश लेकर आए और हड़ताल खुलवा ले। नहीं तो अंजाम दिख जाएगा। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री बनवारी रावत ने कहा कि सरकार ने सत्र के बाहर हमारी ताक देख ली। अब भी अगर वो हमें कमजोर समझती है तो 2022 का इंतजार कर ले। प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र गुसाईं ने बताया कि कोरोना वायरस और अन्य समस्याओं को देखते हुए राय की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही बिजली, पानी और परिवहन जैसी अति आवश्यक सेवाओं को पांच मार्च से पूरी तरह बंद करने का कार्यक्रम अभी टाल दिया गया है। अभी सिर्फ कोषागार, वन निगम और एएनएम की सेवाओं को पूरी तरह से बंद किया जाएगा। बाद में 12 मार्च से सभी सेवाएं बंद करने का भी ऐलान किया गया।
टीकाकरण और वेतन पेंशन पर पड़ेगा असर: गुरुवार से प्रदेश भर की एएनएम काम पूरी तरह से बंद कर देंगी। जिससे प्रदेश भर में टीकाकरण नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा कोषागार के बंद होने से कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में दिक्कत होगी। क्योंकि कोषागार में तैनात जनरल ओबीसी का कोई कर्मचारी काम नहीं करेगा।
वन मुयालय में हंगामा, पुलिस बुलाई: पूर्वाह्न करीब साढ़े ग्यारह बजे कुछ हड़ताली कर्मचारी वन मुयालय पहुंचे। वहां उन्होंने काम कर रहे जनरल ओबीसी के कर्मचारियों को काम छोड़कर हड़ताल में आने को कहा। लेकिन अधिकारियों ने वहां पुलिस बुला ली। जिससे कर्मचारियों को जबरन हड़ताल में ले जाने से रोका जा सके। इस पर वहां काफी देर तक हंगामा होता रहा। बाद में पुलिस की मौजूदगी में मुयालय के दोनों गेट अंदर से बंद कर दिए गए। ताकि कोई बाहर व्यक्ति वहां बिना परमिशन ना घुस सके। हालांकि वन कर्मचारियों को कहना है कि विभाग में निरंतर रूप से वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन हो रहे हैं, ऐसे में हड़ताल की जरूरत नहीं है।