बागेश्वर में लॉकडाउन के तीसरे दिन पूरी तरह से शांति, ग्रामीण क्षेत्रों में भिटौली पर नही पड़ रहा असर
बागेश्वर। नगर में पुलिस प्रशासन की सती का असर दिखने लगा है। लॉकडाउन के तीसरे दिन पूरी तरह से शांति दिखी। बुधवार को सड़क में वेवजह घूमने वाले रोड से गायब दिखे। अधिकांश लोग अपने घरों के भीतर ही दुबके रहे। केवल मरीज या दवा लेने वाले ही दस बजे के बाद नगर में आते-जाते दिखाई दिए। मंगलवार को दस बजे बाद बाजार खाली कराने के लिए एसपी रचिता जुयाल ने स्वयं मोर्चा संभाला था। उन्होंने पूरे नगर में कई बार स्वयं चक्कर लगाकर लोगों के घरों के भीतर रहने की हिदायत दी। मनमानी करने वालों के खिलाफ सत रवैया अपनाते हुए उन्हें पकड़कर थाने में भी बैठाया। उन्होंने सड़कों में टहल रहे बचों से लेकर दोपहर के समय हैंडपंप में पानी भर रही महिलाओं के सत लहजे में चेतावनी दी। यहां तक कि कुछ महिलाओं को पकड़कर थाने में भी बिठा दिया। जिसका असर बुधवार को दिखाई दिया। सड़कों में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस के डर से तहसील रोड सहित अन्य क्षेत्रों में बचे भी घरों के भीतर दुबके रहे। इधर लोगों की आवाजाही कम होने से नगर के चप्पे-चप्पे में ड्यूटी दे रहे जवानों की परेशानी भी कम हुई। इधर कुछ लोगों का मानना है कि पुलिस की सख्ती का यह असर है। जिसके चलते बाजार में अब सन्नाटा दिखाई दे रहा है। कोरोना जैसी महामारी से जूझने के लिए लोग लॉकडाउन का सामना करने के लिए अब पूरी तरह से तैयार हो गए हैं। जिसका असर भी सड़कों पर दिख रहा है।
यहाँ अगर हम गरुड़ की बात करे तो तहसील के ग्रामीण क्षेत्रो में भिटौली का महीना होने की वजह से एक गाँव से दूसरे गांव महिलाओं का आना जाना बदस्तूर जारी है। और गाँव के दुकानों में भी यह लॉक डाउन कम ही नजर आ रहा है कही 2 ये दिनभर खुली नजर आ रही हैं। इन दोनों ही मामलों पर प्रशासन को सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है।