दुखद खबर : कपकोट में फायर सीजन के शुरुआत में गई 2 महिलाओं की जान
बागेश्वर । फायर सीजन की पहली घटना में ही जंगल की आग से घास लेने गयी दो महिलाओं की मौत हो गयी, जबकि तीसरी महिला ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। भागने के दौरान वह महिला भी घायल हो गयी। घायल महिला की सूचना पर ही घटना का पता चल पाया। एक महिला का शव शनिवार की देर शाम नौ बजे बरामद किया गया। वहीं दूसरे को रविवार की सुबह छह बजे बरामद किया गया है।
एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने देर रात में रेसक्यू ऑपरेशन चलाया। रविवार को दोपहर में दोनों शवों को गांव से पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय लाया गया। शनिवार की रात करीब सात बजे चचई पुड़कुनी के तिलाई तोक की 40 साल की भोजन माता नंदी देवी पत्नी मदन राम, 36 साल की इंदिरा देवी पत्नी तारा राम और 32 साल की गंगा देवी पत्नी उदय राम शनिवार को घास काटने जंगल गई थीं। इस दौरान जंगल में लगी भयंकर आग के चलते इंदिरा और नंदी आग की चपेट में आ गयी। घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं गंगा घटनास्थल से थोड़ी दूर होने के कारण बच गई। हालांकि जान बचाने के लिए भागी महिला के पांव में चोट आयी है। उसी ने गांव में आकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद ग्रामीण खोजबीन के लिए जंगल में गए और घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूप को दी। वही वन विभाग के अनुसार एक का शव देर शाम सात बजे के करीब ग्रामीणों ने खोज निकाला, जबकि दूसरी को ढूंढने के लिए एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम ने रातभर रेस्क्यू किया। काफी मशक्कत के बाद रविवार की सुबह छह बजे उसे भी खोजा गया। वह चट्टान में फंसी थी। वन विभाग के डिप्टी रेंजर शंकर दत्त पांडेय ने बताया कि तीनों महिलाएं शनिवार को घास काटने जंगल गई थी। इसी दौरान यह घटना घटी है। इसमें दो महिलाओं की मौत हो गई। जहां घटना हुई वह चट्टानी क्षेत्र है। आग किसने लगाई इसकी जांच की जा रही है। रविवार को कोतवाल तिलक राम वर्मा के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनाममा भरवाकर पोस्टमार्टम कराने के लिए जिला मुख्यालय भेजा गया। घटना के बाद से गावँ में मातम का माहौल है।
वहीं अग्निकांड में मृतका इंदिरा के पांच और नंदी के चार बच्चे हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। दोनों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने अपने निजी खर्च से की है। वहीं चचई गावँ के प्रधान पति रमेश चंद्र जोशी ने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की है। वही उन्होंने प्रशासन से घटना की जांच करने की भी गुहार लगाई है। वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि
फायर सीजन के चलते वन विभाग को कोरोना की रोकथाम में भी नहीं लगाया गया है। इसके बाद भी जंगलों की आग की सूचना का विभाग को पता नहीं लगना गंभीर बात है। एसडीएम कपकोट को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की जांच करें। वन विभाग आग किसने लगाई उसकी जांच करें। यदि मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने बताया कि मृतका के परिजनों को वन विभाग की संस्तुति पर आपादा प्रबंधन के तहत सहायता राशि दी जाएगी।