गरुड़ में ग्रामीणों के लिए मास्क बना रही अर्चना भंडारी
बागेश्वर। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश के कई रायों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जिले के नगरीय इलाकों में भी लोग मास्क पहन रहे हैं। हालांकि ग्रामीण इलाकों तक मास्क की उपलब्धता कम होने से लोगों का यह आसानी से नहीं मिल रहे थे। जिसे दूर करने का बीड़ा उठाया, मेला डुंगरी गांव की अर्चना भंडारी ने। रेडक्रॉस सोसायटी की सदस्य रोजाना 70 से 80 मास्क बना रही है। जिसे संस्था के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान रेडक्रॉस संस्था के सदस्य लोगों को सामाजिक दूरी, हाथ धोना आदि के प्रति जागरूक कर रहे थे। इस दौरान कई लोगों ने उनसे मास्क उपलब्ध कराने की मांग की। मांग के अनुरूप मास्क बनाने के भारी मात्रा में कपड़े की जरूरत पड़ रही थी। इस समस्या का निदान किया पय्यां व्यापारी गोकुल सिंह परिहार ने। जिन्होंने संस्था को मास्क बनाने के लिए रोजाना कपड़ा उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया। संस्था के सदस्य प्रमोद जोशी रोजाना व्यापारी से कपड़ा लेकर अर्चना तक पहुंचाते हैं। वह पूरे दिन मास्क बनाने का काम करती है। जिन्हें दूसरे दिन संस्था के सदस्य आसपास के गांवों में घर-घर जाकर वितरित करते हैं। युवाओं की इस मुहिम को ग्रामीणों का सहयोग भी मिल रहा है। इधर संस्था के जिला सचिव आलोक पांडेय ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा रेडक्रॉस का उद्देश्य ही मानवता की सेवा है। खुशी इस बात की है युवा पीढ़ी भी पूरी तरह से जनहित के कार्यों में समर्पित है। जो आने वाले भविष्य के लिए सुखद संकेत हैं।
ग्रामीणों के 15 से 20 रुपये बचा रही अर्चना
गरुड़। अर्चना कपड़े से दो लेयर के मास्क का निर्माण कर रही है। अमूमन इन मास्क की कीमत बाजार में 15 से 20 रुपये है। हालांकि संस्था को व्यापारी से कपड़ा निशुल्क मिल रहा है। इनको बनाने के काम भी सेवा के तहत किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों को बिना मूल्य चुकाए ही कोरोना से बचाव के लिए वॉशेबल मास्क उपलब्ध हो रहा है।