बागेश्वर में 24 हजार हेक्टेयर में रवि फसल पर लॉक डाउन की चुनौती
बागेश्वर। जिले में इस समय रवि की फसल तैयार हो रही है। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए इन दिनों लॉकडाउन लगा हुआ है। किसान फसल कटाई से लेकर चिंतित हैं। उनके सामने 24 हजार हेक्टेयर में उग रही रवि की फसल काटने की चुनौती बनी है। कटाई से लेकर मढ़ाई तक को लेकर किसान परेशान हैं। कई जगह गेहूं की थ्रेसर मशीन से कहीं बैलों की जोड़ी से हेती है। मढ़ाई को लेकर असमंजस की स्थिति है।मालूम हो कि गरुड़ क्षेत्र में रवि और खरीफ की सबसे अछी फसल होती है। इस बार जाड़ों में बारिश अछी होने से गेहूं की पैदावार भी अछी हो रही है। सिंचित क्षेत्र में रवि की फसल तैयार है। बिलौना आदि क्षेत्रों में कटाई और मढ़ाई शुरू हो गई है। गरुड़ क्षेत्र में अधिकतर गेहूं की मढ़ाई थ्रेसर से होती है। कुछ लोग थ्रेसर को किराये में लेकर अपनी फसलों की मढ़ाई करते हैं। जिले में 24 हजार हेक्येयर में रवि की फसल होती है। इसमें 20 हजार हेक्टेयर में गेहूं और अन्य में सरसों, चना, जौ, मसूर आदि की पैदावार होती है। जिले में 47522 रजिस्टर्ड किसान हैं। कुछ किसान फसल की कटाई के लिए विभाग से सुझाव भी मांग रहे हैं। हालांकि लॉकडाउन के चलते किसानों को खेती काटने के लिए सरकार ने छूट दी है। जिले में भी इसका पालन हो रहा है। जो लोग थ्रेसर से गेहूं की मढ़ाई करते हैं उन्हें प्रशासन की ओर से पास दिया जा रहा है। अपराह्न 12 बजे से शाम छह बजे तक वह मढ़ाई करेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। काम करते समय दराती आदि का आदान-प्रदान नहीं करेंगे और न ही साथ बैठकर खाना खाएंगे। जिस स्थान पर किसान काम करेंगे वहां हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की व्यवस्था उन्हें करनी होगी। उचित दूरी बनाकर खेती किसानी जारी रहेगी। इस बात की जानकारी देने के लिए विभागीय कर्मचारी हर न्याय पंचायत में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। इसके अलाव जिले में गेहूं कटाई के लिए स्थानीय मजदूर काम कर रहे हैं। कुछ गांव के लोग आपसी सहयोग से फसल कटाई में जुटे हैं।
– लॉकडाउन के दौरान फसल काटने की अनुमति किसानों को दी जा रही है। मढ़ाई के लिए कृषि यंत्र का भी उपयोग किसान कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना भी जरूरी होगा। जिस स्थान पर किसान काम करेंगे वहां पानी और साबुन की व्यवस्था भी उन्हें खुद ही करनी होगी। मानकों की अनदेखी किसी भी किसान को नहीं करने दी जाएगी।
– वीपी मौर्य, मुय कृषि अधिकारी बागेश्वर।