बधाई : बागेश्वर घोषित हुआ ग्रीन ज़ोन: डीएम, जाने20 अप्रेल से शुरू हो पायेंगे कौन 2 से कार्य,कहा करना होगा आवेदन
बागेश्वर । जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने अवगत कराया हैं कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी गार्इडलार्इन के अनुरूप उत्तरांखड सरकार द्वारा बागेश्वर में कोराना वायरस संक्रमण कोविंड-19 का केार्इ भी मामला न होने के कारण जनपद को ग्रीन जोन में रखा गया हैं। जिसके मददेनजर गृह मंत्रालय द्वारा जारी विस्तृत गाइड लार्इन के अनुरूप कार्य करने के निर्देश प्राप्त हुए है। उन्होंने बताया कि गाइड लार्इन के अनुरूप ही जनपद में 20 अप्रैल, 2020 से महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित करने के लिए छूट दी जा रही हैं। जिसमें सूचीबद्ध उद्योग/औद्योगिक प्रतिष्ठान (सरकारी एवं निजी) के संचालन के लिए नोडल अधिकारी महाप्रबंधक जिला उद्योग को नामित किया गया हैं जिनके माध्यम से उद्योग से सम्बन्धित आनलार्इन तथा आफलार्इन आवेदन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गयी है। इन प्राप्त आवेदन पत्रों को नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यक कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त उप जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्रान्तर्गत स्वनियोजित व्यक्तियों यथा इलैक्ट्रीशियन, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक, आर्इ0टी0 इलैक्ट्रीशियन एवं बढ़र्इ को कार्य करने की अनुमति हेतु अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त कायोर्ं हेतु इलैक्ट्रीशियन, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक, आर्इ0टी0 इलैक्ट्रीशियन एवं बढ़र्इ को अलग स्थानों पर यथा कार्यालयों, घरों आदि जाना होता है तो उनका चिन्हीकरण करने के उपरान्त परिचय पत्र जारी करने पर ही कार्य की अनुमति प्रदान की जायेगी।जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत करायें जाने वाले कार्यो हेतु छूट दी गयी हैं, जिसमें सामाजिक दूरी फेस मॉस्क पहनने का कडार्इ से अनुपालन करते हुए मनरेगा के कार्यो को अनुमति प्रदान होगी। जल संरक्षण एवं सिंचार्इ के कार्यो को मनरेगा के अंतर्गत प्राथमिकता के अधार पर किया जायेगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार की जल संरक्षण एवं सिंचार्इ के क्षेत्र की कार्ययोजना के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यो को भी मनरेगा के अंतर्गत अनुमति दी गयी हैं। विकास खंड स्तर पर श्रमिकों का पास खंड विकास अधिकारी के स्तर द्वारा कियें जायेगे जिसका परीक्षण जिला विकास अधिकारी द्वारा किया जायेगा। खंड विकास अधिकारी के स्तर से भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन किया जायेंगा। वाणिज्य एवं निजी क्षेत्र में सरकारी मान्यता प्राप्त ग्राम पंचायत स्तर पर जन सेवा केंद्र, निजी सुरक्षा सेवायेंं और सुविधा प्रदान सेवायें जो कार्यालय एवं आवासी रखरखाव से संबंधित कार्य क्रियाशील रहेंगी। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालक/मत्स्य जीवी सहकारी समितियां को मत्स्य पालन कार्य किये जाने की अनुमति रहेगी, जिसमें फींडिंग एवं रखरखाव, कटार्इ, प्रसंस्करण, पैकेंजिंग, फोल्ड चैन, बिक्री एवं विपरण भी सम्मिलित रहेगा।विपरण का कार्य दो पहियों गाडी से किया जाता हैं तो एक व्यक्ति अथवा चार पहियां वाहन से विपरण कार्य किये जाने पर अधिकतम दो व्यक्ति ही अनुमन्य होंगे। इस हेतु जनपद के मत्स्य निरीक्षक द्वारा संबंधितों को पास निर्गत कियें जायेंगे। जिसका परीक्षण संबंधित उपजिलाधिकारियों द्वारा किया जायेगा। जनपद में पशुपालन विभाग के अंतर्गत पोलट्री फार्म, हैचरी और पशुधन गतिविधियों सहित पशु पालन फार्म संचालन होंगे। मक्के और सोया जैसे कच्चें माल की आपूर्ति सहित पशु आहार विर्निर्माण हेतु संचालन/परिवहन पास मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के स्तर से जारी कियें जायेंगे। सामाजिक क्षेत्र में बच्चों/दिव्यांग/मानसिक रूप से कमजोर/वरिष्ठ नागरिकों/निराश्रितों/महिलाओं/विधवाओं के लिए गृहों का संचालन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण जैसे वृद्धावस्था/विधवा/स्वतंत्रता सेनानी पेंशन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रदान की गयी पेंशन और भविष्य निधि सेवाओं से संबंधित क्रियाशील रहेंगी। ऑनलार्इन शिक्षा को बढावा दियें जाने के लिए बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा मे ऑनलार्इन को व्यवस्था को व्यवस्थित और वृहद रूप दिया जायेगा, जिससे लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोर्इ प्रभाव न पडें। जिसके संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी के स्तर से नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्ति की जायेगी। उन्होंने कहा कि निर्माण से संबंधित गतिविधियां हार्इवे सडक सिंचार्इ परियोजना, भवन तथा लघु एवं मध्यम उद्योग सहित समस्त प्रकार औधोगिक परियोजना से संबंधिता निर्माण क्षेत्र जैसे नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र के बाहर अनुमन्य रहेगे। नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों के अंतर्गत ऐसे निर्माण कार्यो को जारी रखा जा सकता हैं जहां मजदूर उक्त सार्इट पर मौजूद हॅू तथा बाहर से किसी भी मजदूर को लाने ले जाने की आवश्यकता न हो। राज्य सरकार/ स्वायत्त संस्थायें व स्थानीय निकाय खुले रहेंगे जिसमें राज्य के अन्य विभाग सीमित क्षमता के साथ कार्य करेंगे समूह क, ख के अधिकारी आवश्यकता के अनुसार उपस्थित होंगे समूह ग तथा इसमें निम्न श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारी दूरी का मानक सुनिश्चित करते हुए 33 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य कर सकते हैं। प्रत्येक दशा में सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चि की जायेगी। और इसके लिए आवश्यक अधिकारी/कर्मचारी नियोजित कियें जायेगे इस संबंध में संबंधित कार्यालायाध्यक्ष द्वारा संबंधित कार्मिको के पास नियमानुसार निर्गत कियें जायेंगे। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को विवाह समारोह हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया है। जो कि नियमानुसार अपने स्तर से पास जारी करना सुनिश्चित करेंगे। वन विभाग के अधीन उतने अधिकारी एवं कर्मचारी क्रियाशील रहेगे जितने नर्सरी के संचालन एवं रखरखाव वन जीव संरक्षण वनों के आगजनी रोकने, पोधारोपण, पोधो की सिंचार्इ एवं वन क्षेत्र के अंतर्गत पेट्रालिंग व अन्य यातायात संचालन के लिए आवश्यक होंगे। सबंधित कार्मिकों को प्रभागीय वनाधिकारी के स्तर से पास निर्गत कियें जायेंगे। जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त समस्त गतिविधियों के संचालन हेतु यह निर्देश दियें गये हैं कि संबंधित नोडल अधिकारी उपरोक्त सभी कार्यो की गतिविधियों का संचालन भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलार्इन के अनुरूप ही कराना सुनिश्चित करें जिसमे किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। इसके अतिरिक्त जनपद के सभी सार्वजनिक स्थानों पर सभी के लिए फेस कवर करना अनिवार्य होगा, सामाजिक दूरी का तय मानको पूर्णत: अनुपालन किया जायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना दंडनीय अपराध होगा। उक्त का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, उत्तराखंड महामारी अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवार्इ अमल में लायी जायेगी।