केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल हो ही खुलेंगे
रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ धाम के कपाट पूर्व में घोषित तिथि पर ही खोले जाएंगे। ऊखीमठ में पंचगाई समिति और आचार्य वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ रावल की देखरेख में पूर्व के फैसले को यथावत रखने का फैसला लिया गया। 29 अप्रैल को नियत तिथि पर सुबह 6:10 बजे को केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। मंगलवार को विचार मंथन बैठक में केदारनाथ रावल के दिशा निर्देशों पर पंचगाई समिति के प्रमुख लोगों के साथ ही आचार्य और वेदपाठियों ने विचार परामर्श किया। इस मौके पर बीकेटीसी के पूर्व सीईओ की देखरेख में कपाट खुलने की तिथि पर संशय खत्म करते हुए पूर्व में निर्धारित तिथि पर ही कपाट खोलने का फैसला लिया गया। बताया गया कि बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि में कोई बदलाव नहीं होगा। 29 अप्रैल सुबह 6:10 पर ही केदारनाथ के कपाट खुलेंगे। ऊखीमठ में भैरवनाथ की पूजा 25 अप्रैल को होगी जबकि 26 अप्रैल को डोली धाम रवाना होगी। बताते चलें कि कोरोना महामारी संकट के साथ ही केदारनाथ रावल का क्वारंटाइन समय देखते हुए केदारनाथ मंदिर की तिथि में बदलाव की चर्चा की जा रही थी।
मद्महेश्वर और तुंगनाथ मंदिरों की तिथियां भी रहेंगी यथावत
ऊखीमठ। बैशाखी के पावन पर्व पर घोषित द्वितीय केदार मद्महेश्वर एवं तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि भी यथावत रहेंगी। भगवान मद्महेश्वर के कपाट 11 मई एवं तुंगनाथ मन्दिर के कपाट 20 मई को खोले जाएंगे। परपरानुसार पंचांग गणना के आधार पर आचार्यगणों द्वारा कपाट खोलने की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। भगवान मद्महेश्वर की डोली 7 मई को गर्भगृह से बाहर आएगी। 8 मई को स्थानीय लोगों द्वारा नए अनाज का भोग लगाया जाएगा। जबकि 9 मई को ओंकारेश्वर मन्दिर से राकेश्वरी मन्दिर रांसी को प्रस्थान, 10 मई को रांसी से गौंडार, 11 मई को गौंडार से मद्महेश्वर धाम और सिंह लग्न में कपाट खोले जाएंगे। जबकि भगवान तुंगनाथ की डोली 18 को गर्भगृह से बाहर आएगी और इसी दिन स्थानीय लोगों द्वारा नए अनाज का भोग और रात्रि विश्राम भूतनाथ मन्दिर में होगा। 19 को भूतनाथ मन्दिर से चोपता और 20 मई को चोपता से तुंगनाथ धाम में कर्क लग्न में साढ़े ग्यारह बजे मंदिर के कपाट खुलेंगे।