देहरादून से घर लौटना चाहते है 30हजार प्रवासी
देहरादून। लॉकडाउन में समस्या से जूझ रहे तीस हजार मजदूर-श्रमिक देहरादून से घर लौटना चाहते हैं। पुलिस ने घर लौटने वालों की सूची तैयार कर शासन को प्रेषित कर दी है। अब उत्तराखंड समेत अन्य राय सरकारों के बीच वार्ता और सहमति बनने के बाद इन्हें भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। देहरादून में उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश,पश्चिम बंगाल आदि रायों के लोग रहकर मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों ने पुलिस अफसरों से घर भेजने की गुहार लगाई थी। इस पर शासन के निर्देश पर राजधानी में रहने वाले मजदूरों, श्रमिकों और मध्यम वर्गीय लोगों की सूची थाना-कोतवाली स्तर पर तैयार की गई।डीआईजी ने इसकी जिमेदारी कंट्रोल रूम प्रभारी लोकजीत सिंह को सौंपी थी।पुलिस टीमों ने 21 थाना-कोतवाली क्षेत्र में रह रहे लोगों के नाम-पते और परिवार के लोगों की संया जुटाकर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें सर्वाधिक लोग उप्र के 15,243 और बिहार के 13048 हैं।इन्हें घर भेजने के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने मंथन करना शुरू कर दिया है। नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि देहरादून से 30573 लोग घर लौटना चाहते हैं।रिपोर्ट उच अधिकारियों को भेजी दी है। अब शासन के निर्देश के बाद अग्रिमकार्रवाई होगी।
राय का नाम संया
उत्तरप्रदेश -15,243
बिहार -13,048
झारखंड -435
पश्चिम बंगाल -220
मध्यप्रदेश -193
छत्तीसगढ़ -172
जमूकश्मीर -242
हरियाणा -94
राजस्थान -86
हिमाचल प्रदेश -78
पंजाब -47
दिल्ली -54
महाराष्ट्र -28
असम -21
चंडीगढ़ -14
उड़ीसा -5
गुजरात -4
कर्नाटक -2
तेलांगना -1
नेपाल के 459 मजदूर हैं
देहरादून। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि देहरादून से नेपाल के 459 लोग घर वापस जाना चाहते हैं। यह लोग देहरादून में मजदूरी समेत निजी संस्थानों में नौकरी करते हैं। इस बाबत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
उत्तराखंड से 127
देहरादून। नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि देहरादून में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रहने वाले 127 लोग फंसे हैं।बताया कि इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो लॉकडाउन से पहले देहरादून आए थे। कई लोग अपनी रिश्तेदार में रुके हैं।
देहरादून। लॉकडाउन में समस्या से जूझ रहे तीस हजार मजदूर-श्रमिक देहरादून से घर लौटना चाहते हैं। पुलिस ने घर लौटने वालों की सूची तैयार कर शासन को प्रेषित कर दी है। अब उत्तराखंड समेत अन्य राय सरकारों के बीच वार्ता और सहमति बनने के बाद इन्हें भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। देहरादून में उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश,पश्चिम बंगाल आदि रायों के लोग रहकर मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों ने पुलिस अफसरों से घर भेजने की गुहार लगाई थी। इस पर शासन के निर्देश पर राजधानी में रहने वाले मजदूरों, श्रमिकों और मध्यम वर्गीय लोगों की सूची थाना-कोतवाली स्तर पर तैयार की गई।डीआईजी ने इसकी जिमेदारी कंट्रोल रूम प्रभारी लोकजीत सिंह को सौंपी थी।पुलिस टीमों ने 21 थाना-कोतवाली क्षेत्र में रह रहे लोगों के नाम-पते और परिवार के लोगों की संया जुटाकर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें सर्वाधिक लोग उप्र के 15,243 और बिहार के 13048 हैं।इन्हें घर भेजने के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने मंथन करना शुरू कर दिया है। नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि देहरादून से 30573 लोग घर लौटना चाहते हैं।रिपोर्ट उच अधिकारियों को भेजी दी है। अब शासन के निर्देश के बाद अग्रिमकार्रवाई होगी।
राय का नाम संया
उत्तरप्रदेश -15,243
बिहार -13,048
झारखंड -435
पश्चिम बंगाल -220
मध्यप्रदेश -193
छत्तीसगढ़ -172
जमूकश्मीर -242
हरियाणा -94
राजस्थान -86
हिमाचल प्रदेश -78
पंजाब -47
दिल्ली -54
महाराष्ट्र -28
असम -21
चंडीगढ़ -14
उड़ीसा -5
गुजरात -4
कर्नाटक -2
तेलांगना -1
नेपाल के 459 मजदूर हैं
देहरादून। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि देहरादून से नेपाल के 459 लोग घर वापस जाना चाहते हैं। यह लोग देहरादून में मजदूरी समेत निजी संस्थानों में नौकरी करते हैं। इस बाबत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
उत्तराखंड से 127
देहरादून। नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि देहरादून में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रहने वाले 127 लोग फंसे हैं।बताया कि इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो लॉकडाउन से पहले देहरादून आए थे। कई लोग अपनी रिश्तेदार में रुके हैं।