लॉकडाउन को दस्तावेज के रूप में तैयार किया जाना चाहिए
देहरादून। मार्च से ही भारत में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है, जो दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा लॉकडाउन है। पिछले 9 हतों से सड़कें वीरान हैं, गांवों में सन्नाटा पसरा है, साथ ही देश भर की सभी बंद दुकानें, कारखाने और स्कूलों के अलावा सभी ऑफिस एवं मॉल एक अदृश्य खतरे से निपटने के लिए बंद पड़े हैं। जीवन के हर क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा, लेकिन भारतीयों के लिए इसका अनुभव कुछ यादा ही कड़वा था क्योंकि वे अपने-अपने घरों के अंदर कैद होकर रह गए थे। भारतीय इतिहास के लिए यह समय अभूतपूर्व रहा है, जिसे मौजूदा एवं भावी पीढिय़ों के लिए दस्तावेज के रूप में तैयार किया जाना चाहिए। आने वाले समय में जब हम पीछे मुड़कर देखेंगे, तो उस वक्त एक राष्ट्र के तौर पर हमें इस बात को अवश्य जानना और समझना होगा कि, आधुनिक युग में अब तक की सबसे बड़ी महामारी के सामने 1.3 अरब की आबादी वाला उनका देश कैसे पूरी तरह से थम गया। लॉकडाउन के दौरान जब सभी भारतीय अपने-अपने घरों में रह रहे थे, तो उस वक्त फिल्म निर्माता भारतबाला और लगभग 15 फिल्म क्रू मेबर्स सहित उनकी 117 लोगों की एक समर्पित टीम ने पूरे देश में लागू लॉकडाउन के अनदेखे दृश्यों को अपने कैमरे में कैद करने का बीड़ा उठाया।