ग्रामीण पर्यटन में जोड़ा जाए स्वरोजगार : जिलाधिकारी
बागेश्वर । जनपद के पर्यटन क्षेत्रों को विकासित करने तथा उन क्षेत्रों में पर्यटन अवस्थापन सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में उत्तराखण्ड ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना की बैठक आयोजित की गयी, जिसमें जिलाधिकारी द्वारा इस योजना के तहत किये जाने वाले कार्यों एवं गतिविधियों के संबंध में जिला पर्यटन अधिकारी से जानकारी प्राप्त की। बैठक में जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चन्द्र आर्या ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में निवास कर रहें ग्रामीणों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन प्रदेश की अवधारणा को साकार करने के लिए क्षेत्र में पर्यटन सम्भावनाओं से भरपूर ग्रामों का चिन्हित कर गॉवों के बेरोजगार व्यक्तियों को पर्यटन गतिविधियों से जोड़कर स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए जनपद में न्यूनतम 03 ग्रामों तथा अधिकतम 10 ग्रामों का चयन समिति द्वारा किया जाना है, जिसमें हार्डवेयर प्रोजेक्ट (पर्यटन अवस्थापना सुविधा) तथा साफ्टवेयर प्रोजेक्ट (प्रशिक्षण व्यवस्था) के तहत कार्य किया जाना है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें अधिशासी अधिकारी जिला पंचायत सदस्य, जिलाधिकारी द्वारा नामित 02 प्रतिनिधि सदस्य जिला पर्यटन अधिकारी सदस्य सचिव, पर्यटन विकास परिषद द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य नामित किया गया है। इसके साथ ही उप जिलाधिकारी एवं ग्राम स्तर पर भी समिति का गठन किया जाना है। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिये है कि उत्तराखण्ड ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना एक महत्वकांक्षी योजना है जिसके सफल क्रियान्वयन से जनपद के पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने तथा उन क्षेत्रों में पर्यटन अवस्थापना सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य योजना तैयार करें, जिससे कि क्षेत्र में अधिक से अधिक पर्यटक आयें। उन्होने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियॉ बढ़ने से स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा उनकी आर्थिकी भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए इसे कलस्टर के आधार पर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियॉ करायी जा सकती है। उन्होने कहा कि हार्डवेयर प्रोजेक्ट के तहत उद्यानों का विकास, तारबाड़ एवं कम्पाउण्ड वाल, लैण्ड स्केपिंग, ग्राम पंचायतों की सीमान्तर्गत सड़कों का सुधार एवं ट्रैकिंग मार्ग, ग्राम में प्रकाश व्यवस्था/सौर ऊर्जा, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट तथा सीवरेज मैनेजमेंट हेतु सुधार कार्य, साहसिक खेल तथा जल क्रीडाओं का आयोजन एवं इससे संबंधित उपकरणों का क्रय, स्मारकों का रखरखाव, साइनेज की स्थापना, स्थानीय ट्रैक रूट/नेचर ट्रेल का विकास, पर्यटको के आवास हेतु निजी क्षेत्र में होम स्टे का विकास, तथा साफ्टवेयर प्रोजेक्ट के तहत पंजीकृत एन0जी0ओ0 का चयन कर उचित प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, स्थानीय संस्कृति एवं प्राकृतिक सम्पदा जागरूकता एवं संरक्षण, होटल उद्योग एवं गार्इड, कौशल विकास आदि के संबंध में बेहतर से बेहतर कार्ययोजना तैयार करें, जिससे कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि जनपद पर्यटन की दृष्टि में महत्वपूर्ण स्थान रखता है जिसमें पिण्डारी ग्लेशियर क्षेत्र में जाने वाले पर्यटकों को बेहतर अवस्थापना सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र के गॉव जिसमें लौहारखेत, मुनार, सूपी, खाती, झूनी, खलझूनी, बाछम आदि गॉव शामिल है इन गॉव में पर्यटन अवस्थापना सुविधायें मुहैया करने के लिए बेहतर से बेहतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये, जिसके लिए उन्होंने उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर समिति के गठन करने के निर्देश दिये तथा ग्रामस्तर पर भी समिति का गठन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि इन गॉवों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जो भी कार्य किये जाय, वे कार्य पौराणिक व स्थानीय वास्तुकला (ग्रामीण शैली) पर आधारित हो। इसके लिए उन्होने ग्रामीण निर्माण विभाग से संबंधित गांवों का सर्वे करा कर किये जाने वाले कार्यो के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार की जाय। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डी0डी0पंत, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत अरूण बर्थवाल, नामित सदस्य थ्रीश कपूर एवं जगदीश चन्द्र जोशी आदि मौजूद रहें।