तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड नए मुयमंत्री , रायपाल ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ, जाने पूरा राजनीतिक सफर
देहरादून। तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के नए मुयमंत्री के रूप में पद की शपथ ग्रहण कर ली। रायपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। आज केवल मुयमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत को ही शपथ दिलाई गई। मंत्रियों का शपथ ग्रहण बाद में होगा। शपथ ग्रहण के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, निवर्तमान मुयमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून आए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, सांसद अजय भट्ट, अजय टटा, महारानी माला रायलक्ष्मी शाह, रायसभा सदस्य नरेश बंसल आदि शामिल थे। इससे पहले बुधवार सुबह भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में कार्यवाहक मुयमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह के नाम का प्रस्ताव किया, जिसे सर्वसमति से पारित कर दिया गया। शाम चार बजे राजभवन में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में…
तीरथ छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
पूर्व मुयमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चौबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिमेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।
एक नजर में तीरथ सिंह रावत
पिता का नाम: कमल सिंह रावत
जन्मतिथि: नौ अप्रैल 1964
निवासी: ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल।
शिक्षा: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक।
राजनीतिक सफर : 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।
1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित।
2000 में राय गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राय मंत्री का दायित्व।
2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने।
2012 के विस चुनाव में चौबट्टाखाल से जीत हासिल की।
2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिमेदारी सौंपी गई।