कोरोना संक्रमण में बढोत्तोरी के चलते कौसानी के होटल संचालकों को सताने लगी चिंता
बागेश्वर। कौसानी के होटल संचालकों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है, गत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते दस महीने तक कारोबार ठप रहा। होटलों में काम कर रहे कर्मचारियों को अपने पल्ले से वेतन देना पड़ा। इस साल जनवरी से थोड़ा काम शुरू हुआ तो अब फिर कोरोना की रतार बढऩे लगी है। इस कारण होटलों की बुकिंग एक बार कैंसिल होने लगी है। इससे होटल व्यवसायियों के चेहरे की रौनक उडऩे लगी है। अब तक करीब 100 बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। मालूम हो कि कौसानी को मिनी स्वीजरलैंड के नाम से जाना जाता है। यहां गर्मियों में देशी तथा विदेशी पर्यटक यहां के रमणीक स्थानों को देखने के लिए आते हैं। गत वर्ष कोरोना के चलते कई दिनों तक यहां आए हुए पर्यटक होटलों में कैद होकर रह गए। इसके बाद वह किसी तरह अपने घरों को पहुंचे। इसके बाद दस महीने तक होटल कारोबार बिल्कुल ठप रहा। यहां होटलों में काम करने वाले कर्मचारियों की छंटनी हुई। जो कर्मचारियों की छंटनी नहीं हो पाई उन्हें होटल संचालकों ने अपने पल्ले से वेतन दिया। गत वर्ष दिसंबर तक यह सिलसिला चलता रहा। नये साल पर पर्यटकों की संया बढऩे लगी। इसके बाद होटल संचालकों को इस बार गर्मियों में अछे कारोबार की उमीद जगने लगी। होटल की ऑनलाइन बुकिंग भी बढऩे लगी। इधर 20 मार्च के बाद एक बार पूरे देश में कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। इस कारण होटलों की बुकिंग कैंसिल होने लगी है। इससे कारोबारी एक बार फिर सकते में आ गए हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर करीब 100 बुकिंग कैंसिल हो गई है। हर होटल से चार से पांच बुकिंग कैंसिल हुई है। ऐसे में कैसे घर का खर्च चलेगा यह चिंता सताने लगी है।