July 3, 2024

अब सरपंच सङ्गठन देगा सुअर मारने वालों को ईनाम

अल्मोड़ा ( आखरीआंख समाचार ) इनाकोट में संपन्न वन पंचायत सरपंच संगठन ताकुला की बैठक में वनपंचायतों की समस्याओं के साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष पर गहन विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा जारी जंगली सूअर को पीडि़त जन्तु घोषित कर उसे अनूसूची 5 में शामिल करने संबंधी शासनादेश का स्वागत करते हुए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि वह राज्यब्यापी अभियान चलाकर सूअरों की संख्या नियंत्रित करे ताकि शासनादेश की मंशा के अनुरूप काश्तकारों को जंगली सूअरों के आतंक से निजात मिल सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि उनके क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति द्वारा सूअर मारने पर संगठन उसे सम्मानित करेगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा आज वन पचायतें भारी संकट के दौर से गुजर रही हैं। उनका कोई सुधलेवा नहीं है। लीसा रायल्टी भुगतान वर्षों से नहीं किया गया है। दावानल नियंत्रण हेतु कुछ ही वन पंचायतों को मनमाने तरीके से पैसा दिया जा रहा है। ऐसी वनपंचायतों के चयन का कोई मानक नहीं है। वन पंचायत की मूल अवधारणा को ही भुला दिया गया है। उनकी स्वायत्तता वन विभाग के पास गिरवी रख दी गयी है। ब्रिटिशकाल से निर्धारित इमारती लकड़ी के हक का कोटा ग्रामीणों को नहीं दिया जा रहा है। वन पंचायतों के चुनाव समूचे राज्य में गुप्त मतदान द्वारा एक साथ कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही विषयक उत्तराखण्ड चुनाव आयोग द्वारा 2 वर्ष पूर्व वन विभाग को भेजे पत्र को वन विभाग ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वक्ताओं ने इस बात पर गहरा आक्रोष जताया कि तेंदुओं द्वारा मारे गये मवेशियों की मुआवजा राशि का भुगतान पिछले 5 वर्षों से नहीं किया गया है, जबकि इस मामले को लेकिन ग्रामीण कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। इस संबंध में बिनसर वन्य जीव विहार प्रशासन द्वारा दिये गये आश्वासन हवाई साबित हुए हैं। मुआवजा राशि का भुगतान अधिकतम एक वर्ष के भीतर करने के साथ ही विधायक निधि का कम से कम 50 प्रतिशत कृषि भूमि की घेराबंदी में अनिवार्य रूप से खर्च किये जाने की मांग की गई। इसके अलावा ताकुला-बसौली में स्वीकृत आई.टी.आई. तथा पालीटेक्निक ताकुला में स्वीकृत ट्रेडों का संचालन आगामी सत्र से प्रारम्भ करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ताकुला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा देने, बसौली-नाई मोटरमार्ग में भकूना गाड़ में पुल निर्माण की मांग की गयी। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी। बैठक को ईश्वर जोशी, सरपंच दीवान सिंह, पंकज मेहता, राजेश भट्ट, लछिमा देवी, रेखा देवी, नंदी देवी, प्रताप सिंह, चंदन सिंह, सुंदर सिंह, नवीन राम, बिशन बाराकोटी, ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुनील बाराकोटी, लक्ष्मण सिंह, अनिता कनवाल ने संबोधित किया। अध्यक्षता सरपंच संगठन के अध्यक्ष डूंगर सिंह तथा संचालन सचिव दिनेश लोहनी ने किया।