देश के लिए कांग्रेस जरूरी है
पांच राज्यो में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीगोपाल नारसन का कहना है कि देश का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप बना रहे और देश के कल कारखाने व संस्थान सुरक्षित रहे इसके लिए कांग्रेस को सत्ता में लाना जरूरी है।एक बयान में उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार आई है तब से देश मे धर्म के नाम पर लोगो को बांटने का काम सत्ता में बैठे लोग ही कर रहे है,जो बेहद चिंताजनक है।भारतीय संविधान की मूल भावना हमे जाति धर्म के विभेद से अलग रखती है,ऐसे में हमे किसी वर्ग विशेष न तो वोट के लिए कीचड़ उछालना चाहिए और न ही वोट के लिए धार्मिक भावनाओं का सहारा लेना चाहिए बल्कि मूल उद्देश्य देश और समाज का विकास हो,यह तभी हो सकता है जब हम सभी वर्गों,धर्मो और जातियों के प्रति समान सम्मान के रास्ते पर चले।उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रहे श्रीगोपाल नारसन की सोच है कि गरीब अमीर के बीच की बढ़ रही खाई देश मे समग्र विकास नही होने दे रही है।उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की पहल का स्वागत किया और कहा कि अब हमें धन बल के बजाए निष्ठावानो को तरजीह देनी चाहिए।उन्होंने कहा कि इन पांच राज्यों का चुनाव परिणाम ही सन 2024 के लोकसभा चुनाव का भविष्य तय करेगा।राजनीति में अपराधियों को टिकट देना उनकी राय में कतई सही नही है ,साथ ही जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।उन्होंने दलबदल की बढ़ती प्रवर्ति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि दलबदल के सहारे किसी भी निर्वाचित सरकार को गिराना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है,जिस पर लगाम लगनी चाहिए।श्रीगोपाल नारसन ने उम्मीद जताई कि उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है जबकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं को टिकट का फार्मूला कांग्रेस के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा।उन्होंने चुनावी भाषणों में झूठे वायदों को रोकने के लिए भी निर्वाचन आयोग से गाइडलाइंस जारी करने की मांग की ताकि फिर से 15 -15 लाख रुपये आमजन के खाते में आने का झूठा वायदा कोई दल न कर सके।उत्तराखंड में कांग्रेस के नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हम हरीश रावत की अगुवाई में यह चुनाव लड़ रहे है ,वही हमारे सर्वमान्य नेता है।जबकि पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का चेहरा घोषित किया जा चुका है।उन्होंने कहा कि भाजपा में मोदी -शाह की तानाशाही के चलते अनेक बड़े नेता घुटन महसूस कर रहे है और जो दल बदल कर उधर गए थे ,उनकी तो घोर उपेक्षा हो रही है।