यूक्रेन के 2 प्रांतों में घुसी रूसी सेना, टैंकों की आहट ने बढ़ाई टेंशन
मास्को , विश्व महायुद्ध की आहट ने सभी देशों के कान खड़े कर दिए हैं। इसी बीच रूस की सेना यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेट्स्क (डोनबॉस इलाके) में घुस गई है। राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 13 घंटे (भारतीय समय के अनुसार देर रात 3 बजे) पहले यूक्रेन के इन दोनों राज्यों को स्वतंत्र देश घोषित किया था। इसके बाद रूसी सेना के टैंक इन इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं। पुतिन ने कहा था कि लुहांस्क-डोनेट्स्क और अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाके में शांति बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। उधर, यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र (संरा) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (संरासुप) बैठक में यहां पूर्वी क्षेत्र में सैनिकों को तैनात करने वाले रूस के कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मामले को हल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों को रूस द्वारा स्वतंत्र मानने और अपने सैनिकों को शांतिरक्षकों के रूप में तैनात करने के उपरांत अमेरिका और उसके सहयोगियों के आग्रह पर सोमवार को बैठक का आयोजन हुआ था। संरासुप में बोलते हुए यूएन की राजनीतिक और शांति निर्माण मुख्य रोसमैरी ए डीकार्लो ने कहा कि डोनेट्स्क और लुहान्स्क के कुछ क्षेत्रों को स्वतंत्र करार देने वाला रूस का फैसला यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा बड़े विवाद का खतरा असली है और इसे किसी भी कीमत पर रोकने की आवश्यकता है। हम पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती के आदेश की निंदा करते हैं, जिसे एक शांति बनाए रखने वाला अभियान बताया जा रहा है। यूक्रेनी राजदूत सरगई किसलित्सा ने कहा कि आठ वर्षों तक युद्ध और अराजकता को भडक़ाने के लिए रूस एक वायरस था, संयुक्त राष्ट्र बीमार है जो कि एक तथ्य की बात है। यह क्रेमलिन द्वारा फैले वायरस की चपेट में है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि हम रूस के इस कदम से वे डरते नहीं हैं। हमने किसी से न कुछ लिया है और न ही किसी को कुछ देंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की घोषणाओं और खतरों के बावजूद यूक्रेन की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं वैसे ही बनी रहेंगी जैसे पहले थीं।