भाजपा नेताओं का भोपाल में जमावड़ा, सत्ता संगठन में बड़ा बदलाव के संकेत?
भोपाल, । भोपाल में भाजपा नेताओं का जमावड़ा राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा रहा है। शील हवाएं घटी और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों की चुनावी सरगर्मी में कुछ कमी आते ही भाजपा शासित राज्यों में संगठन और सत्ता को लेकर नए सिरे से विचार-विमश्र होने वाला है। इस बात के संकते मिले हैं कि भोपाल में भाजपा के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री दौरे पर आ रहे हैं और उनके साथ प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी भोपाल पहुंच रहे हैं। इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया का पहुंचना भी खास मायने रखता है। भोपाल पहुंचने वालों में केंद्रीय मंत्री वीरें्र कुमार और शिव कुमार का आना भी मायने रखता है। अगले वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सिंधिया के गढ़ चंबल से लेकर मालवा, निमाड़ और विंध्य प्रदेश में अपनी जमावट नए सिरे से करने में लगे हैं, तब भाजपा मिशन 2023 के लिए यदि अपनी रणनीति नहीं बनाती है तो फिर पिछले विधानसभा चुनाव की तरह गच्चा खा जाने का डर बना हुआ है। उज्जैन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मैनाथ बैठक के बाद हुए वैचारिक मंथन से निकलकर यह अंदाज लगता है कि सत्ता और संगठन दोनों को ही नए सिरे से गठित और ऊर्जावान बनाने की जरूरत है। यदि सूत्र सही हैं और उनकी सूचनाएं धरातल पर चल रही राजनीतिक परिस्थितियों के संकेत दे रही है तो फिर समझ लीजिए कि यह बैठक सत्ता और संगठन में बड़ा बदलाव लेकर आ सकती है। यह बदलाव क्या होगा? अभी अनुमान ही लगाया जा सकता है, पर कुछ न कुछ पक रहा है, जो संगठन और सत्ता देोनों को या तो गतिमान बतनाएगा, खामियों को दूर करेगा या फिर उन्हें नए राजनीतिक फैसलों के लिए तैयार रहना