September 21, 2024

मनरेगा से नही हो पा रही नहरो की सफाई ,सिचाई नहरे बन्द, किसानों में रोष

बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) जनपद में सिचाई विभाग की नहरों की खस्ताहालत से सभी कृषक भलीभाँति परिचित ही है । विभाग की अधिकांश नहरे बजट की अनुपलब्धता के कारण आज अपनी आखिरी सासे गईं रही है। किन्हीं जगहों पर तो हाल ये हैं कि वे नहरे जब से बनी है तब से लेकर आजतक उनमे कभी मरमत कार्य तक करना सम्भव नही हो पाया है।
और अब उस पर अब वर्तमान वर्ष से सरकारी फरमान यह सुनाया गया है कि जिले की सभी नहरों का सफाई कार्य मनरेगा के तहत करवाया जाए।
सहायक अभियंता एच् सी सती का कहना है कि ठेकेदार मनरेगा के तहत कार्य करवाने को राजी ही नही हो पा रहे है।
जहाँ तक मनरेगा के सवाल है विगत कुछ वर्षों से इसके भुगतान की कोई सीमा ही नही है कि इसका भुगतान कब होगा। दूसरी बड़ी समस्या ग्रामीणो की यह बताई जा रही है कि मनरेगा श्रमिकों के जो अधिकतम 100 दिन की सीमा बनाई गई है।वह उसका उपयोग अपने गावो के रोजगार में ही समाप्त कर देते है।
यही वजह है कि आजदिन तक जिले के अधिकतर नहरे अभीतक अपनी सफाई की बाट ही तक रहे है ओर अब गेंहू की सिचाई का मौसम शुरू भी हो चुका है और नहरे लबालब जगह 2 पर मलवे से पटी पड़ी है। पूर्व में जब विभाग अपने ठेकेदारों से सफाई कार्य करवा रहा था तो किसानों को समय पर सिचाई उपलब्ध हो जा रही थी। लेकिन इस वर्ष अभीतक किसान अपने सर में हाथ रखे विभाग का मुंह ही तकने में है।
जहां तक डिवीजन में नहरों के मनरेगा के तहत प्रस्तावित कार्यो का सवाल है जिले में करीब 53 योजनाओं पर मनरेगा से कार्य होना है जिनकी कुल लागत 82 लाख है।
अवर अभियंता मनोज अधिकारी ने बताया कि गरुड़ ब्लॉक में जिनकी संख्या 1 लाख से कम 27 नहरे व 1 से अधिक 26 नहरे प्रस्तावित है।
गरुड़ विकास खण्ड के अंतर्गत कुल चालू नहरों की संख्या 54 है जो 147,60 किमी में फैली हुई है। और उनसे 1502 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिचाई की जाती है।
अभियंता सती बताते है कि प्रतिवर्ष 10, 12 लाख की ऐ आर से सभी नहरों का मरम्मत कार्य व सफाई कार्य करवाना विभाग के लिए एक टेडी खीर साबित हो रही है। जिससे उन्हें आये दिन कुपित किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त तथ्यों से सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि जब मनरेगा से अभीतक नहरों की सफाई नही हो पा रही है तो ये प्रस्तावित नहर मरम्मत कार्य कितने हो पायेंगे यही सोचकर क्षेत्रीय किसानों में अभी से चिन्ता व्याप्त हो गई है।
यहाँ यह बात भी विशेष उल्लेखनीय बन जाती है कि क्या हमारी सरकार के कथनी और करनी में कितना विरोधाभास है जो किसानों को सपने तो उनकी आय दोगुनी के दिखाती है ओर बजट के अभाव में अभीतक गेंहू की सिंचाई व्यवस्था करवाने में लाचार नजर आ रही है।
जिला किसान सङ्गठन के सचिव अर्जुन राणा ने सरकार से शीघ्र नकद भुगतान से सभी सिचाई कार्य सुचारू रूप से करवाने की मांग की है जिससे सभी नहरों की सफाई व मरम्मत कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके व जिले के किसानों को यथा समय सिचाई सुविधाओं का लाभ मिल सके।