केदारघाटी के ग्रामीण सीखेंगे पिरूल से कोयला बनाना
रुद्रप्रयाग। वन विभाग के सहयोग से अब ग्रामीणों को पिरुल से कोयला बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। अभी ट्रायल के रूप में कुछ गांवों में प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है किंतु सकारात्मक परिणाम आए तो सिंगोली-भटवाड़ी और फाटा-व्यूंग जल विद्युत परियोजना के कैंचमेंट एरिया के गांवों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गर्मियों में चीड़ से निकलने वाला पिरुल जहां वनाग्नि का प्रमुख कारण माना जाता है वहीं सुलगती आग को धधकते हुए आगे बढ़ाने में पिरुल ही माध्यम बनता है। वन विभाग का उद्देश्य है कि एक ओर पिरुल का सही ढंग से कलेक्शन कर इसे जंगलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके, वहीं दूसरी ओर यात्रा सीजन के दौरान केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर पिरुल से बनने वाला कोयला पहुंचाया जाए जिसकी वहां अत्यंत आवश्यता होती है। वन विभाग ने इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि सिंगोली भटवाडी क्षेत्र के 71 और व्यूंगगाढ़ क्षेत्र के 41 गांवों को प्रशिक्षण देने की योजना है। शुरुआत में ट्रायल के रूप में कार्य किया जा रहा है किंतु सकारात्मक परिणाम आने पर इस दिशा में विस्तार से कार्य किया जाएगा।