अब नाले के रूप में बहने लगी हैं अलकनंदा
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर में जीवीके परियोजना के बांध क्षेत्र से लेकर पॉवर हाउस तक करीब पांच किलोमीटर दायरे में अलकनंदा नदी अवशेष मात्र रह गई है। यहां पर अलकनंदा नाले के रूप में बह रही है। जिससे गंगा प्रेमियों में भारी निराशा है। मानकों के हिसाब से बांध से पानी न छोड़े जाने के कारण अलकनंदा नदी का अधिकांश दायरा सूखाग्रस्त हो गया है। जिसका फायदा खनन कारोबारियों को मिल रहा है। श्रीनगर बांध से लेकर पॉवर हाउस तक करीब पांच किमी का क्षेत्र है। पॉवर हाउस से भी परियोजना कंपनी द्वारा मनमाने तरीके से पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे पॉवर हाउस से देवप्रयाग तक भी अलकनंदा नदी की यही स्थिति रहती है। इससे श्रीनगर से देवप्रयाग तक की पंपिंग योजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। जिसके कारण पानी की आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं। अन्ना टीम के सदस्य व किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष भोपाल सिंह चौधरी का कहना है कि श्रीनगर में अलकनंदा नदी में बांध से मानकों के हिसाब से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। जिससे नदी क्षेत्र की पारिस्थितिकी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। उन्होंने कहा कि पांच किमी क्षेत्र में तो अलकनंदा नदी पूरी तरह से नाले के रूप में तब्दील हो गई है। वहीं पॉवर हाउस से देवप्रयाग तक भी अलकनंदा नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। कहा प्रशासन के संज्ञान में मामला होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जिससे गंगा प्रेमी आहत हैं। इधर कंपनी प्रशासन का कहना है कि बांध से नदी का प्रवाह बनाए रखने के लिए मानकों के तहत पानी छोड़ा जाता है। एसडीएम श्रीनगर अजयवीर सिंह ने कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया जाएगा।