बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने किया सचिवालय कूच
देहरादून ( आखरीआंख समाचार ) बीएड टीईटी प्रथम प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ ने नियुक्ति व संशोधित नियमावली का शासनादेश जारी किये जाने की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया, जहां पुलिस ने सुभाष रोड़ पर बैरीकैडिंग लगाकर रोक लिया। इस बीच पुलिस व प्रशिक्षित बेरोजगारों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और बाद में सभी वहीं धरने पर बैठ गये।
यहां महासंघ से जुड़े हुए प्रशिक्षित बेरोजगार धरना स्थल पर अध्यक्ष राजीव राणा के नेतृत्व में इकटठा हुए और वहां पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस अवसर वक्ताओं ने कहा कि लगातार उनके हितों की अनदखी की जा रही है जिसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु इसी माह को उत्तराखंड सरकार द्वारा सेवा नियमावली को संशोधित कर चयन प्रक्रिया में उनके बिन्दुओं में बदलाव किया गया है जिससे प्रदेश के हजारों बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगार आहत है, क्योंकि वर्तमान नियमावली में प्रशिक्षिण वर्ष की ज्येष्ठता को आधार नहीं बनाया गया है जबकि चयन प्रक्रिया में टीईटी की श्रेष्ठता को नियुक्ति का आधार बनाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि जबकि एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने एक हलफनामें में यह स्पष्ट किया है कि टीईटी मात्र एक पालता परीक्षा है इसे चयन का आधार नहीं बनाया जा सकता है जो कि न्यायिक सिद्धांतों े विरूद्ध है और सरकार के इस तानाशाही निर्णय से प्रशिक्षित आहत है। वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली में बीएड वर्षवार ज्येष्ठता को सम्मिलित करते हुए संशोधित नियमावली का शासनादेश जारी किया जाना चाहिए और सरकार को इस दिशा में जल्द ही निर्णय लेना होगा।
वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में समस्त रिक्त पदों पर बीएड ज्येष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर वर्षवार शीघ्र नियुक्ति जारी किया जाये। वक्ताओं ने कहा कि शीध्र ही सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो महासंघ उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होगा और जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस अवसर पर सभा के बाद सभी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सचिवालय कूच किया और पुलिस ने सभी को सुभाष रोड़ पर बैरीकैडिंग लगाकर रोक लिया। इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक व धक्का मुक्की हुई और कुछ बेरोजगारों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया और बाद में सभी वहीं धरने पर बैठ गये। काफी देर तक धरने पर बैठने के बाद प्रशासनिक अधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस अवसर पर अनेक प्रशिक्षित बेरोजगार शामिल थे।