December 23, 2024

पायलट से अभद्रता की शिकायत का पिटारा दो माह बाद भी बनी पहेली
-किसकी गलती किसकी चूक, किसका राज,किसके दावे झूठे, छोड़ गया है कही पहेली
-ना प्रशासन पुलिस ना ही जनप्रतिनिधियों के दावों को लगे पंख,
-प्रभारी मंत्री भी दे चुके थे जांच के आदेश, फिर भी अब तक नही हुआ खुलासा
-आम जनता कह रही, नियम केवल गरीबों के लिए,
डीएम की कार्रवाई का इंतजार


बागेश्वर, उत्तरायणी मेले के दौरान पहली बार लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हेलीकॉप्टर सेवा में हेलीकॉप्टर सेवा को रोकने के नाम पर पुलिस टीम द्वारा हेलीकॉप्टर सेवा बंद कराने के लिए गई पुलिस टीम पर सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों पर हेलीकॉप्टर के पायलट ने अभद्रता करने के आरोप लगाए थे, वहीं पुलिस के आदेश के बाद अचानक हेली सेवा को रोक दिया गया था,मामले में हेलिकॉप्टर के पायलट और मैनेजर नेअभद्रता करने वालों की लिखित शिकायत जिलाधिकारी से की थी, और अभद्रता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा था।वही हेलीकॉप्टर के पायलट, ने पत्रकारों को दिए बयान में सादी वर्दी में तैनात कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा अभद्रता और दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने भी हेली सेवा में व्यवधान होने से लाखों रुपए का नुकसान होने की लिखित शिकायत जिलाधिकारी से की थी, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, कपकोट के विधायक सुरेश गढ़िया ने भी पत्रकारों को दिए बयान में हेली सेवा में बाधा डालने वालों के खिलाफ मेले के समापन के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही थी, वही दोमाह बीतने के बाद भी अब तकअधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और प्रभारी मंत्री के जांच के बाद लापरवाही और अभद्रता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वाशन अब तक बंद फ़ाइल में कैद होकर रह गया है, जांच का पिटारा कहा बंद होकर रह गया कब खुलेगा इसका सभी को इंतजार है, परछोटे से मामले में सरकार और जिला प्रशासन पर अपनी अच्छी पहुंच रखने वाले कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया द्वारा भी मामले में मेले के बाद सख्त कार्रवाई का आश्वाशन भी मात्र दिखावा निकला है, वही मामले में पुलिस और जिला प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति हो गई थी, जहां जिला प्रशासन ने हेली सेवा का लाभ देने के लिए एक सप्ताह की अस्थाई स्वीकृति दी थी, वही अचानक पुलिस द्वारा सेवा को बंद करने का आदेश दिया गया था, जिसके बाद हवाई सेवा को रोकने के आदेश पर पुलिस के कुछ सादी वर्दी में तैनात कर्मियों द्वारा पायलट से अभद्रता करने के आरोप पुलिस पर लगे थे, वही प्रभारी मंत्री ने भी मामले में जांच कराकर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही थी, हेली सेवा के मैनेजर और पायलट को अपना पक्ष देने के लिए बुलाया गया है,उसके बाद ही जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने की बात कही है, वहीं हेली सेवा के मैनेजर मनीष भंडारी ने बताया कि मामले में जांच अधिकारी द्वारा पूछे गए बातों को लिखित रूप में मेल से अपना पक्ष पूर्ववत भेजे जाने की बात कही है,अब लोगों को जिलाधिकारी की कार्रवाई का इंतजार है अब देखने वाली बात होगी कि जांच रिपोर्ट कब तक सामने आती है,पायलट द्वारा लगाए गए आरोप सही है या निराधार ये जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा,वही कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने छोटे सी जांच में एसओजी को बचाने के लिए जिला प्रशासन और सत्ता पक्ष के लोगों के संरक्षण में कार्य करने का आरोप लगाया है, वही अब तक मामले में जांच रिपोर्ट पर प्रभारी मंत्री द्वारा जांच कर दोषियों पर कारवाई के आश्वाशन के बाद सुशासन की सरकार कहने वालों के झूठे दावों की पोल खोलती है,उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए निरंकुश तरीके से कार्य करने और सरकारी तंत्र के लिए घातक बताया,वही कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि किसी के द्वारा कोई भी मुझे लिखित शिकायत नही दी गई, वही पूर्व में मीडिया को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कहने के बाद अब विधायक महोदय द्वारा मामले में लिखित रूप से शिकायत नही होने की बात कहने से भी जनप्रतिनिधियों की कथनी करनी पर सवालिया निशान उठा रहे है, ऐसे में तब जब विधायक गढ़िया स्वयं जांच कर किसी भी दोषी पर बड़ी कार्रवाई का मीडिया में बयान दे चुके थे, ऐसे में कौन मामले में जांच को दबा रहे है क्यों दबा रहे है, प्रशासन द्वारा भी जांच रिपोर्ट के बाद कोई कार्रवाई नही हो पाना लोकतांत्रिक प्रणाली में सवालिया निशान उठा रहा है, ऐसे में लोगों द्वारा जांच को रसूखदारों द्वारा दबाकर मामले में दोषियों को बचाने उनका मनोबल बढ़ाने जैसा कदम समझा जा रहा है, अभद्रता करने वाले सरकारी कर्मी थे या कोई आम लोग जिनके द्वारा दबंगई से अभद्रता होने की शिकायत जिलाधिकारी को की गई थी, वह जांच दो माह बाद भी बंद पिटारे में होना कई सवाल खड़े करता है, यदिऐसे में कोई दोषी होता है तो उन पर कार्रवाई होती है या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी, मेले में गलत तरीके से विघ्न डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कहने के बाद भी अब कोई कार्रवाई नही होने से सवालिया निशान उठ रहे है, और चर्चाओं का बाजार भी गर्म है, अब लोगोंकी निगाहें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई पर टिकी हुई है।
इनसेट—
उत्तरायणी मेले में जिलेवासियों की हवाई सेवा की मुरीद को पूरा करने के लिए हेलीकाप्टर सेवा की अस्थाई स्वीकृति ली गई थी, जिसके बाद अचानक सादी वर्दी में तैनात एसओजी के जवानों द्वारा हेली सेवा बंद कराने को लेकर पायलट से अभद्रता की गई थी, जिससे पालिका को काफी नुकसान हुआ था, मामले में में इसकी शिकायत जिलाधिकारी, प्रभारी मंत्री जी से की गई थी, वही कपकोट विधायक जी द्वारा भी हमें दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वाशन दिया गया था, ऐसे में उनके द्वारा लिखित रूप से शिकायत पत्र देने की बात कहना समझ से परे है, जबकि वे प्रेस वार्ता कर कार्रवाई करने की बात कह चुके थे, ऐसे में दो माह बाद भी जांच रिपोर्ट पर कोई सुनवाई नही हो पाना सवालिया निशान उठा रहा है।

सुरेश खेतवाल, पालिकाध्यक्ष नगर पालिका परिषद-बागेश्वर