March 29, 2024

 590 से टूटकर रू 3 पर आ गया यह शेयर, कंपनी पर बड़ी मुसीबत, अडानी-अडानी ने भी खींचे हाथ


नई दिल्ली।  शेयर बाजार में तेजी के बीच फ्यूचर ग्रुप की कर्ज में डूबी कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को इस शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगा और भाव लुढ़क कर 3.05 रुपये पर आ गया। बीते 5 साल की अवधि में यह शेयर 99% से ज्यादा टूट चुका है। सितंबर 2018 में इस शेयर की कीमत 590 रुपये पर थी, जो अब 3 रुपये पर आ गई है।
दिलचस्पी दिखाने वाली एकमात्र कंपनी
फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए 49 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन अब एकमात्र खरीदार बचा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक SpaceMantra एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने फ्यूचर रिटेल की सभी संपत्तियों को खरीदने के लिए दिलचस्पी दिखाई है। स्‍पेश मंत्रा ने अधिग्रहण डील के लिए 550 करोड़ रुपये की पेशकश की है। यह रकम वित्तीय लेनदारों के 19,200 करोड़ रुपये के कुल बकाया के 3 प्रतिशत से भी कम है। बता दें कि एनबीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अनूप कुमार मित्तल और आशीष अग्रवाल द्वारा प्रवर्तित बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के खुदरा विक्रेता के रूप में रजिस्टर्ड है।
अंबानी-अडानी भी थे रेस में
फ्यूचर रिटेल को खरीदने की रेस में जिन 49 कंपनियों का नाम था, उनमें देश के दो बड़े अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की फर्म भी शामिल थीं। हालांकि, बाद में दोनों अरबपतियों की कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप की संपत्ति खरीदने की रेस से खुद को अलग कर लिया।
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बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्यूचर ग्रुप के एसेट्स के भारी वैल्यूएशन की वजह से मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनियों ने अपना इरादा बदला है। रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया कि एसेट्स का वैल्यूएशन 9,000 करोड़ रुपये से अधिक था, जिसके कारण रिलायंस समूह प्रबंधन को अपना रुख बदलना पड़ा।

 9 पर आया  350 वाला यह स्टॉक, अब हर दिन हो रही खरीदारी, रॉकेट बना भाव, कंपनी को मिले 5 बड़े ऑर्डर
नई दिल्ली।  रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर कंपनी सुजलॉन एनर्जी  को ताबड़तोड़ ऑर्डर मिल रहे हैं। इस वजह से कंपनी के शेयर भी रॉकेट बन गए हैं। इस शेयर में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को 11% से ज्यादा की तेजी रही और ट्रेडिंग के दौरान कीमत 9.56 रुपये तक पहुंच गई। वहीं, मार्केट कैपिटल 11200 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया।
शेयर में तेजी की वजह
एक महीने से भी कम समय में सुजलॉन एनर्जी को 5वां बड़ा ऑर्डर मिला है। सुजलॉन ने सोमवार को बताया कि उसने सेरेंटिका रिन्यूएबल्स से विंड टर्बाइनों की अपनी 3 मेगावाट सीरीज के लिए ऑर्डर प्राप्त किया है। यह ऑर्डर कर्नाटक के कोप्पल में सेरेंटिका की आगामी 204 एमडब्‍ल्‍यू विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए 3 की रेटेड क्षमता वाले हाइब्रिड लैटिस ट्यूबलर  टावर के साथ 68 विंड टरबाइन जनरेटर की स्थापना पर जोर देता है। कंपनी ने ऑर्डर के मूल्य का खुलासा नहीं किया है।
डील की डिटेल
डील के तहत सुजलॉन इक्युपमेंट सप्लाई करेगी, जिसमें विंड टर्बाइन शामिल हैं। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और कमीशनिंग का भी काम करना है। वहीं, प्रोजेक्ट के चालू होने के बाद कंपनी ऑपरेशंस और मेंटेनेंस सेवाएं भी देगी। एक बार प्रोजेक्ट लागू हो जाने के बाद इस बड़ी विंड एनर्जी स्कीम में लगभग 168 हजार घरों को बिजली सेवाएं दी जाएंगी। इसके साथ ही सालाना लगभग 6.63 लाख टन कार्बन डाई आक्‍साईड उत्सर्जन को कम करने का अनुमान है।
शेयर का परफॉर्मेंस
सुजलॉन एनर्जी के शेयर में लगातार तेजी है। शेयर एक हफ्ते में 13% चढ़ चुका है। इसने एक महीने में 17% की तेजी दर्ज की है। तीन महीने की अवधि में निवेशकों को इस शेयर से 12% का रिटर्न मिला है। एक साल से तीन साल की अवधि में निवेशकों को 270% तक का रिटर्न मिल चुका है। बता दें कि यह शेयर साल 2007 में 350 रुपये पर था। इस हिसाब से शेयर में 90% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।

587 रुपये में मिले शेयर, 6 महीने में पहुंच गए 1300 रुपये के पार
 नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनी केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया ने ताबड़तोड़ रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयर सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 10 पर्सेंट से ज्यादा चढ़कर 1308.25 रुपये पर पहुंच गए हैं। वहीं, केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों ने पिछले 5 महीने में इनवेस्टर्स को 93 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1328.65 रुपये है। वहीं, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो लेवल 625.05 रुपये है।
587 से 1300 रुपये के पार पहुंच गए शेयर
केन्स टेक्नोलॉजी के आईपीओ में कंपनी के शेयर 587 रुपये पर अलॉट हुए थे। आईपीओ का प्राइस बैंड 559-587 रुपये था। कंपनी के शेयर 22 नवंबर 2022 को बीएसई में 775 रुपये पर लिस्ट हुए थे और कारोबार के आखिर में 690.10 रुपये पर बंद हुए। केन्स टेक्नोलॉजी के शेयर 22 मई 2023 को बीएसई में 1308.25 रुपये के स्तर पर बंद हुए हैं। कंपनी का आईपीओ टोटल 34.16 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
इस साल अब तक शेयरों ने दिया 77% का रिटर्न
केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों ने इस साल अब तक करीब 77 पर्सेंट रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयर साल की शुरुआत में 2 जनवरी 2023 को बीएसई में 740.50 रुपये के स्तर पर थे। कंपनी के शेयर 22 मई 2023 को बीएसई में 1308.25 रुपये पर बंद हुए हैं। वहीं, केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों ने पिछले एक महीने में करीब 37 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। केन्स टेक्नोलॉजी का मार्केट कैप 7606 करोड़ रुपये है।  
डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।

डी-लिस्टिंग के मूड में यह कंपनी, शेयर में 20% की तूफानी तेजी, लगा अपर सर्किट  
 नई दिल्ली। शेयर बाजार में लिस्टेड श्रेयस शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स के शेयर में सोमवार को तूफानी तेजी रही। बीएसई पर इस शेयर में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा और भाव 312.60 रुपये पर पहुंच गया। बता दें कि 25 अगस्त, 2022 को शेयर ने 52 सप्ताह के उच्च स्तर 413 रुपये को टच किया था। वहीं, 27 मार्च को 212.20 रुपये के 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
तेजी की वजह
श्रेयस शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी के बोर्ड की मीटिंग 24 मई को होने वाली है। इस मीटिंग में शेयरों को हटाने यानी डी-लिस्टिंग के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यह कंपनी की स्वैच्छिक डी-लिस्टिंग का प्रस्ताव होगा। यह कंपनी ट्रांसवर्ल्ड ग्रुप की इकाई है।
डी-लिस्ट करने का मकसद
कंपनी के प्रमोटर ट्रांसवर्ल्ड होल्डिंग्स लिमिटेड ने श्रेयस शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स में पब्लिक शेयरहोल्डिंग के सभी शेयरों को हासिल करने का इरादा जाहिर किया है। यही वजह है कि कंपनी के इक्विटी शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज से डी-लिस्ट किया जाएगा। इससे ट्रांसवर्ल्ड होल्डिंग्स लिमिटेड कंपनी का पूर्ण स्वामित्व हासिल करने में सक्षम होगी। 31 मार्च, 2023 तक प्रमोटर्स के पास श्रेयस शिपिंग में 70.44 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी 24.03 प्रतिशत है। शेष 5.53 प्रतिशत हिस्सेदारी एनआरआई, कॉर्पोरेट निकाय और अन्य के पास है।
प्रॉफिट में गिरावट
जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 18 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की जानकारी दी है। यह साल-दर-साल आधार पर 60 प्रतिशत की गिरावट को दिखाता है। एक साल पहले की तिमाही में परिचालन से राजस्व 29 प्रतिशत कम हो गया है। पहले यह 115 करोड़ रुपये था, जो अब 81 करोड़ रुपये हो गया है।