उत्तरायणी मेले की व्यवस्था हो आला दर्जे की : सीडीओ
बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) आगामी दिनों में होने वाले उत्तरायणी मेले के सफल आयोजन हेतु मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने मेले के लिए विभागों के द्वारा की जा रही कार्यो की समीक्षा की और कहा कि इस मेले के लिए जिस विभाग को जो दायित्व व जिम्मेदारी दी गयी है उसका इमानदारी पूर्वक निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि उत्तरायणी मेला न केवल बागेश्वर बल्कि उत्तराखण्ड की एक महत्वपूर्ण पहचान है इसके माध्यम से देश विदेश से आने वाले पर्यटक पहाडी संस्कृति एवं यहां के रिति-रिवाज से परिचित होते है इसलिए उत्तरायणी मेले की सम्पूर्ण व्यवस्था आला दर्जे की होनी चाहिए। उन्होने संबन्धित को निर्देशित करते हुए कहा कि मेले के दौरान विक्रय किये जाने वाले उत्पादों हेतु स्थापित किये जाने वाले स्टॅालों के लिए कूडे निस्तारण की उचित व्यवस्था की जाय, ताकि संबन्धित स्टालो का कूडा एकत्र कर उसका निस्तारण किया जा सके। उन्होंने नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मेले के दौरान स्थापित किये जाने वाले स्टॅालो का आकार नियमानुसार होना चाहिए तथा स्टॉल इस तरह से स्थापित किये जाय कि मेलाथ्र्ाी आसानी से स्टॉल में रखे हुए उत्पादो को को देख सके। उन्होंने कहा कि जो विभाग खाद्य पदार्थ आदि के सम्बन्ध में स्टॉल स्थापित करेंगे वे अपने-अपने स्टॅालो पर उत्पादों से संबन्धित रेट लिस्ट भी चस्पा करें। उन्होंने स्टॉल स्थापित करने वाले विभागों को निर्देशित किया कि स्टालो पर लगने वाले फ्लैक्सी के आकारों में एकरूपता होनी चाहिए जिससे स्टॉल और अधिक आकर्षिक लग सकें। उन्होंने विभिन्न विभागो एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा स्थापित किये जाने वाले स्टॅालों एवं तोरण द्वारो का भी निर्धारण किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थापित किये जाने तोरण द्वारो की साज सज्जा प्राकृतिक रूप से की जाय जिसके लिए फूलो एवं पेडों की पत्तियों का इंस्तेमाल किया जाय। ताकि तोरण द्वार और आकर्षित एवं मितव्ययी बन सके। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियो को निर्देशित करते हुए कहा कि उत्तरायणी मेले के सफल आयोजन हेतु सभी तैयारियां समय से पूर्व कर ली जाय ताकि अंतिम समय में कोर्इ अव्यवस्था न हो जिसके लिए उन्होंने विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां तय की। बैठक में जिला विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जे0सी0मण्डल, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत अरूण बर्थवाल, जिला पंचायत राज अधिकारी पूनम पाठक, महाप्रबन्धक जिला उद्योग बी.सी.पाठक, परियोजना प्रबन्धक धरमेन्द्र पाण्डे आदि मौजूद थे