आधुनिक तकनीक और विज्ञान की शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा भी आवश्यक: राज्यपाल
देहरादून ( आखरीआंख समाचार ) राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘‘वैश्विक ज्ञानोदय द्वारा स्वर्णिम युग‘‘ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि भारतीयों ने जीवन के प्रति जिस दृष्टिकोण का विकास किया है, उसका आधार उसका धर्म ही है। यह भारतवर्ष का गौरव है कि वह जीवन के मूल्य तक जा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भारत ने स्थाई ज्ञान का पता लगाया है, और यही ज्ञान जीवन की समस्याओं का समाधान है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की शक्ति का आधार उसकी आध्यात्मिकता ही है। हमारे ऋषि-मुनियों व विद्वानों के हजारों वर्षों के गहन चिंतन से रचित वेद, उपनिषद्, महाकाव्य, पुराण आदि महान मार्गदर्शी रचनाएं, मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम अपने आध्यात्म, ज्ञान व दर्शन की विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजो कर रखें। उन्होंने बच्चों को आधुनिक तकनीक और विज्ञान की शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों व आचार-व्यवहार की दीक्षा देने पर भी जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वबंधुत्व की भारतीय दर्शन की अवधारणा, वर्तमान में दुनिया के लिए और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत की इस पवित्र भूमि में महान विभूतियों ने जन्म लेकर, भारतीय समाज व सभ्यता को न केवल कठिनाईयों से बाहर निकाला बल्कि इसे और अधिक मजबूती प्रदान की है। उन्होंने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा समाज के विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मीना, राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू एवं डाॅ. बुद्धदेव शर्मा आदि उपस्थित रहे।