September 21, 2024

बैंकों में हड़ताल के चलते करोड़ों का कामकाज हुआ प्रभावित, बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन 

देहरादून ( आखरीआंख समाचार )  देशभर में केन्द्र सरकार की जन विरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ बैकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन भी व्यापक असर दिखाई दिया। बैंकों में हड़ताल के चलते हुए करोड़ों रूपयों का कामकाज प्रभावित रहा। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति एवं उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैकों के अधिकारी व कर्मचारी एस्ले हाॅल स्थित पंजाब नेशनल बैंक के परिसर में इकटठा हुए और वहां से केन्द्र सरकार के खिलाफ रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज किया।
रैली पंजाब नेशनल बैंक एस्ले हाॅल से आरंभ होकर राजपुर रोड़, एस्ले हाॅल चैक, गांधी पार्क में पहंुची और जहां पर एक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लगातार केन्द्र की राजग सरकार मजदूर एवं जन विरोधी निर्णय ले रही है और जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। उन्होंने हा कि केन्द्र सरकार जबसे सत्ता में आई है श्रम कानूनों में लगातार ऐसे संशोधन किये जा रहे है जिनसे मजदूर वर्ग से वह सभी अधिकार छीन रहे है।  उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा साजिशन व निरंकुश तरीके से देश के सबसे बडे मजदूर संगठन इंटक को अंतर्राष्ट्रीय मंच समेत सभी त्रिपक्षीय व द्विपक्षीय कमेटियों से वंचित किया जा रहा है इससे ओर आगे बढककर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अधिसूचित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों का न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण हेतु गठित न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड के श्रम संघों से मात्र भारतीय मजदूर संघ को ही शामिल किया गय है तथा एटक, इंटक तथा सीटू जैसे श्रम संघों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जो चिंता का विषय है और लगातार प्रदेश सरकार भी दोहरा मापदंड अपना रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उन्हांेने कहा कि न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति में न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत धारा 9 में स्पष्ट है कि सैडयूल इम्प्लाइमेंट मंे यूनियन प्रतिनिधि होंगें तथा उत्तराखंड सरकार में भारत इलेक्ट्रानिक के दो सदस्य रखे गये है जबकि सीटू, एटक व इंटक, स्कूल, चाय बागान, इंजीनियरिंग, होटल, कैमिकल्स, मेडिकल रिप्रेजेन्टिेटिव की यूनियनों के प्रतिनिधि नहीं रखे गये है जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि लगातार केन्द्र व प्रदेश सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा और जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की भी शुरूआत की जायेगी और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी।
वक्ताओं ने कहा कि बैकों के 86 प्रतिशत कारपोरेट घरानों पर एनपीए है और उसे वापस नहीं दिया जा रहा है जो चिंताजनक है और केन्द्र सरकार को ऐसे कारपोरेट घरानांे पर भी कार्यवाही करने की जरूरत है। इस अवसर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, बैंक यूनियन के संयोजक जगमोहन मेंदीरत्ता, समर भंडारी,अनिल उनियाल, भुवन सिंह बिष्ट, सी के जोशी, एल एम बडोनी, विनय कुमार शर्मा, इन्दर सिंह, बी के ओझा, डी एन उनियाल, शेखर उनियाल, कुलदीप सिंह, ए पी अमोली, बीरेन्द्र भंडारी सहित अनेक श्रमिक नेता शामिल थे। दूसरी ओर आयकर विभाग, बिजली विभाग के कर्मचारी भी अपनी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे और उन्होंने केन्द्र के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।